सुनिल बर्मन@जांजगीर-चांपा(एचकेपी 24 न्यूज).कलेक्टर श्री जनक प्रसाद पाठक ने कहा कि किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के 38 दिन और शेष जिले में अब प्रतिदिन करीब सवा से डेढ़ लाख क्विंटल धान की औसतन आवक होगी। ऐसी स्थिति में प्रत्येक खरीदी केन्द्र में धान नियत मापदंड के अनुरूप गुणवत्ता पूर्ण हो, धान के बारदानों का सही उपयोग, क्रय किए गए धान की सही स्टेकिंग, और सामयिक परिवहन हो, इसके लिए सभी जिला स्तरीय नोडल अधिकारी और उड़नदस्ता दल अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन सुनिश्चित करें।कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर, जिला पंचायत के सीईओ श्री तीर्थराज अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम सहित पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी नोडल और उड़नदस्ता दल के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने अधिकारियो से कहा कि राज्य सरकार किसानों से देश में सर्वाधिक 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी कर रही है। अतः सभी अधिकारी सुनिश्चित करें कि क्रय किए जा रहे धान की गुणवत्ता अच्छी हो, नमी 17 प्रतिशत से अधिक नहीं हो।कलेक्टर ने कहा कि उपार्जन केन्द्र में धान बेचने वाले किसानों को धान बेचने में कोई समस्या या असुविधा न हो इसका भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि खरीदी केन्द्र में धान ढेरी बनाने और उसकी नमी मापने के बाद ही तौल हो, यह सुनिश्चित करें। नोडल अधिकारियों से कहा गया कि वे समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान के बोरों की सिलाई और उसकी निर्देशानुसार स्टेकिंग उसी दिन हो, यह सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने खरीदी केन्द्र में जगह की समस्या न हो इसके मद्देनजर धान का नियमित परिवहन कराने की कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान खरीदी का नियमित निरीक्षण करें और निरीक्षण दिनांक के पूर्व तक, निरीक्षण दिनांक की खरीदी और परिवहन किए गए धान की मात्रा की प्रविष्टि निरीक्षण पंजी में दर्ज करें। इसी प्रकार उन्होंने बारदाने का निरीक्षण कर उसका मिलान सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने बारदाना आबंटन के संबंध में कहा कि 60 प्रतिशत नया और 40 प्रतिशत पुराना बारदाना किसानों को दें। बारदाना पंजी मे किसान का हस्ताक्षर होना जरूरी है।बारदानों में निर्धारित स्थान पर समिति का नाम लिखा हुआ स्टेनशील अनिवार्य रूप से लगायें। खरीदी उपरांत धान की बोरों की तत्काल सिलाई कराएं और धान के किस्मवार स्टेकिंग का कार्य भी तत्काल प्रारंभ करें। तौल के तत्काल बाद किसान को तौल पत्रक भी दें। एक स्टेकिंग पूर्ण होने के बाद ही दूसरा स्टेकिंग शुरू करें। धान की स्टेकिंग मोटा, पतला, महामाया, एचएमटी, आईआर 36 और सरना का अलग-अलग स्टेकिंग किया जाना है। बेमौसम वर्षा से बचाने के लिए धान की स्टेकिंग के नीचे भूसे से भरे प्लास्टिक बोरो का डनेज या ईंट का चबूतरा के उपर स्टेकिंग करें। इसके अलावा, कैप कव्हर, तारपोलिन, तिरपाल आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। कलेक्टर ने कहा कि समिति में पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध रहना चाहिए। बारदाना की कमी होने के पूर्व जिला विपणन कार्यालय को अवगत करायें। बफर लिमिट के उपर होने पर धान परिवहन हेतु जारी डीओ के आधार पर मिलर्स और अधिकारियों से संपर्क कर लें। बैठक में नोडल अधिकारी और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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