सुनिल बर्मन@रायपुर(एचकेपी 24 न्यूज).छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आज यहां नवीन विश्राम भवन में नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए निर्वाचन व्यय प्रेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर राम सिंह ने निर्वाचन व्यय प्रेक्षकों को बताया कि उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय की निगरानी और अनुवीक्षण के दौरान व्यय लेखों के चार प्रतिवेदन आयोग को प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि नामांकन वापसी की प्रक्रिया की समाप्ति के चार दिनों के भीतर पहला प्रतिवेदन, मतदान तिथि के दो दिन पूर्व दूसरा प्रतिवेदन, मतदान समाप्ति के बाद दूसरे दिन तीसरा प्रतिवेदन तथा निर्वाचन परिणाम की घोषणा के एक माह के भीतर उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय संबंधी चौथा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन व्यय प्रेक्षकों को छत्तीसगढ़ निर्वाचन व्यय (लेखा, संधारण एवं प्रस्तुति) आदेश, 2019 के प्रावधानों और नियमों के आधार पर निर्वाचन व्यय की निगरानी और अनुवीक्षण करना है।राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने व्यय प्रेक्षकों को अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगमों में निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा पांच लाख रूपए और तीन लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में तीन लाख रूपए है। नगर पालिकाओं के उम्मीदवारों के लिए यह सीमा डेढ़ लाख रूपए और नगर पंचायतों में 50 हजार रूपए है। निर्वाचन व्यय के लिए उम्मीदवारों को पृथक बैंक खाता संधारित करते हुए रोज के निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा रखना होगा। प्रशिक्षण में निर्वाचन व्यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्त विभिन्न जिलों एवं संचालनालय में पदस्थ वित्त सेवा के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।प्रशिक्षण के दौरान छत्तीसगढ़ नगरपालिक निगम (संशोधन) अध्यादेश-2019, निर्वाचन व्यय (मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति गठन एवं दत्त समाचार विनियमन) आदेश-2019 तथा छत्तीसगढ़ नगरपालिक निर्वाचन निगम, 1994 में हुए संशोधनों के बारे में भी जानकारी दी गई। आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एम.सी.एम.सी.) जिला स्तर एवं संभाग स्तर पर गठित की जाएगी। इस दौरान राज्य निर्वाचन आयोग की सचिव सुश्री जिनेविवा किंडो, उपसचिव श्री दीपक अग्रवाल और डॉ. संतोष देवांगन, अवर सचिव श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव तथा मुख्य लेखाधिकारी श्री जेरोम एक्का सहित आयोग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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