सुनिल कुमार वर्मन@संपादक hkp24news.com MO.NO.:-9098485974/9406366988
जांजगीर-चांपा(हिन्देश की पाठशाला 24 न्यूज)।स्कूल बंद करके संविलियन का उत्सव मनाने का तैयारी छगपननि शिक्षक संघ वाले कर रहे है।सोमवार 1 जुलाई को संविलियन परिचर्चा का कार्यक्रम बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल मेमोरियल भवन केरा रोड जांजगीर मे रखा गया है।जिसको लेकर पालक बहुंत अत्यधिक आक्रोशित है।बच्चो के बेहतर भविष्य बनाने प्रयासरत् सामाजिक कार्यकर्ता हिन्देश यादव को 1000 से अधिक पालको ने फोन एंव संदेश भेज कर अपना-अपना नाराजगी व्यक्त किया है।अभी स्कूलों के पट खुले महज एक सप्ताह ही हुआ है।वही छगपननि शिक्षक संघ व्दारा 1 जुलाई को स्कूल बंद करके संविलियन परिचर्चा का कार्यक्रम रखा गया हैं।जिसका पालकों ने कड़ा विरोध करते हुए कड़ी से कडी कार्यवाही करने का मांग किया है।
विदित हो,कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 1 जुलाई 2018 को लगभग 1लाख शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन की गयी थी।अब संविलियन दिवस के 1 वर्ष पूर्ण होने की तिथि को संघ ने संविलियन दिवस मनाने का नाम देकर उस पर परिचर्चा का आयोजन रखा गया है।1 जुलाई सोमवार मतलब सप्ताह का स्कूल का पहला दिन हैं।जिसमे जिला के अधिकांश स्कूलो का पट बंद होने के संभावना है।वैसे तो 1000 से भी अधिक पालको ने श्री यादव को फोन कर एंव मैसेज कर शिक्षको के उक्त कार्यक्रम को लेकर अपना नाराजगी व्यक्त किया है।जिसमे के कुछ लोगो के मैसेज मे लिखे एंव फोन मे बोले जानकारी का उल्लेख की जा रही है।एक पालक ने कहा कि शिक्षक अब तक आंदोलन कर कर के हमारे बच्चो के भविष्य को अंधकार की ओर ले जाकर अपने अपने मांग सरकार से पूरा करवा रहे है।अब हम सभी पालको को एक जूट होकर नेतागीरी करने वाले शिक्षको के बहिष्कार करने का वक्त आ गया है।दूसरा पालक ने कहा कि जिनका पूरा साल भर मांग मांग को पूर्ण करवाने मे बीत जाता है।ऐसा शिक्षक बच्चो के भविष्य बेहतर बनाने के बजाय खराब बनाने मे लगे है।तीसरा पालक ने कहा कि जो कार्यक्रम की जा रही है।वह नेता शिक्षको नेताओ के शक्ति प्रदर्शन करने का तरिका है।जो अपना भीड दिखा कर सरकार पर दबाव बनाकर अपना और कुछ मांग पूरा करवाएंगे।चौथा पालक ने कहा कि नेता शिक्षको का बच्चो के पढाने लिखाने से कोई मतलब नही होता है।इनको तो सिर्फ नेतागीरी ही करना है।ऐसे शिक्षको को नौकरी से बाहर के रास्ता दिखाने चाहिए।पांचवा पालक ने कहा कि जो जो नेता शिक्षक है।जो स्कूलो मे बच्चो को पढाते नही है।उनका सूची तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंप कर नौकरी से मुक्त करवाने बेहद जरुरी है।ऐसे नेता शिक्षक अच्छा कार्य करने वाले शिक्षको पर दबाव बनाने का प्रयास करते है।छठवा पालक ने कहा कि शिक्षको का जो भी कार्यक्रम है।उसे अवकाश दिवस करने चाहिए।ऐसा विद्यालय संचालन करने के लिन कार्यक्रम को करना बहुंत ही गलत है।बच्चो के अहित मे कार्य करने वाले शिक्षको का खिलाफ कडी से कडी कार्रवाही होने चाहिए।सातवा पालक ने कहा कि शिक्षको से कई गुना अधिक हम पालक लोग है।जब वो लोग कम संख्या मे होने के बावजूद अपना मांग को पूरा करवा सकते है,तो हम भी अपने बच्चो के हित मे मांग रख कर उन मांगो को पूरा करवा सकते है।बच्चो के पढाई प्रभावित करने वाले शिक्षको के खिलाफ कार्रवाही करने का मांग भी करेंगे।आठवा पालक ने कहा कि शिक्षक नेताओ के वजह से हमारे बच्चो का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है उनके खिलाफ कडी से कडी कार्रवाही होने चाहिए।नौवा पालक ने कहा कि इस तरह की नेतागिरी बंद होनी चाहिए।कुछ शिक्षक नेतागिरी के चक्कर में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।दसवा पालक ने कहा कि सरकार को इस गंभीर मामला की ओर ध्यान देने की जरूरत है।अब तो उनकी मांग पूरी हो गई है।तो कम से कम अब तो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करे। यदि संविलियन पर खुशी मनानी ही है,तो कोई अवकाश का दिन चयन करें।इस तरह बच्चों की पढ़ाई बर्बाद नही करने चाहिए।इस तरह से अन्य पालको ने फोन कर एंव मैेसेज कर शिक्षको के उक्त कार्यक्रम को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता हिन्देश यादव को अपना-अपना नाराजगी व्यक्त किया है।श्री यादव ने पालको को फोन एंव मैसेज मे जवाब देने के दौरान सभी को एक-एक कर कहा कि बच्चो के हित मे विद्यालय से राजनीति का खात्मा करने मिल कर प्रयास करना है।विद्यालयो को राजनीति मुक्त बना कर बच्चो के लिए पढने-लिखने का अच्छा माहौल तैयार करना है।वही विद्यालय मे नेतागिरी कर बच्चो का भविष्य बिगाडने का प्रयास करने वाले शिक्षको के खिलाफ कडी से कडी कार्रवाही करवाना है।जो भी बच्चो के हित मे प्रयास करना है।वह पूरी तरह से शांति पूर्ण ढंग से ही करना है।शिक्षको का कोई भी कार्यक्रम हो।वह अवकाश दिवस आयोजित होने चाहिए।पढाई-लिखाई करने के दिन मे कोई भी शिक्षको का कार्यक्रम नही होने चाहिए।अभी-अभी स्कूल खुला है।धीरे-धीरे बच्चे स्कूल की ओर जाने लगे है।इसी बीच स्कूल छोड कर शिक्षको व्दारा कार्यक्रम मे शामिल होने जाने बच्चो के हित मे नही है।