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जांजगीर-चांपा:-नगरीय क्षेत्रों मे 150 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र पर निर्मित आवासों और भू-जल स्तर से नीचे चिन्हांकित क्षेत्रों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना अनिवार्य,कलेक्टर ने ली जिला स्तरीय अधिकारियों की मैराथन बैठक,जिले में संचालित विकास और निर्माण कार्यो की प्रगति की विस्तृत समीक्षा…

जांजगीर-चांपा(एचकेपी 24 न्यूज)।कलेक्टर श्री नीरज कुमार बनसोड़ ने आज जिला कलेक्टोरेट के अपने कक्ष स्थित सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियो की मैराथन बैठक लेकर जिले मे संचालित विकास कार्यो की प्रगति की विस्तार पूर्वक समीक्षा की। बैठक मंे उन्होंने कहा कि जिले में भू-जल का स्तर दिनो-दिन गिरता जा रहा है। जिसके कारण लोगों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और आने वाले समय मंे भी पेयजल के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी। इसके पूर्व ही जल संरक्षण और संवर्धन आवश्यक है। इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग जैसे कार्य आवश्यक हैं। इस हेतु उन्होंने वर्षा ऋतु के पूर्व जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों में 150 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र पर निर्मित आवासों एवं भू-जल स्तर से नीेचे चिन्हांकित क्षेत्रों मंे रैन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उन्होंने नगरीय क्षेत्रों मंे दिये गये आवासीय पट्टों का वितरण और पट्टों के नवीनीकरण की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने शिविर आयोजित कर पट्टो का नवीनीकरण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजीत वसंत, सहायक कलेक्टर एवं चांपा अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री राहुल देव एवं अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम भी मौजूद थीं।बैठक में कलेक्टर श्री बनसोड़ ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देेने में नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना का महत्वपूर्ण योगदान है और यह योजना राज्य शासन की सर्वोच्चप्राथमिकताओं मे है। उन्होंने कहा कि जिले में  गौवंशी पशुधन में वृद्धि एवं उनके रख-रखाव के लिए गौठान का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने गौठान में गौवंशी पशुधन के लिए चारागाह के विकास के साथ पानी का बेहतर प्रबंध करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने गौठान के पशुओं का टीकाकरण कराने तथा घुरवा और बाड़ी का वैज्ञानिक तरीके से विकसित करने के भी निर्देश दिये। बैठक में श्री बनसोड़ ने सामुदायिक वन अधिकार और व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्रकों के वितरण की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्रक किसे और कैसे दिये जाते है इनका नियमों मंे स्पष्ट उल्लेख है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को वन अधिकार मान्यता अधिनियम का बारिकी  से अध्ययन कर वास्तविक हकदारों को इसका लाभ देने के निर्देश दिये। बैठक में श्री बनसोड़ ने नदी भूमि का सीमांकन और नदी के किनारे किये गये अतिक्रमण और नदियांे को प्रदूषणमुक्त करने के लिए बनायी गयी कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में श्री बनसोड़ ने जिला उद्योग एवं व्यापार विभाग के कार्यो की भी समीक्षा की। उन्होंने जिले में लघु उद्योगों की स्थापना उद्योग के माध्यम से लोगों को दी गयी रोजगार और फूड प्रोसेसिंग के लिए बनायी गयी कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की और जिला उद्योग एवं व्यापार विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा की और जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध जैनेरिक दवाईयों की जानकारी प्राप्त की। इसी तरह उन्होंने अविवादित भूमि का नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, की भी जानकारी प्राप्त की और अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों को निर्धारित अवधि में निराकृत करने के निर्देश दिये। बैठक में श्री बनसोड़ ने मानसून के दौरान रोपित किये जाने वाले विभिन्न प्रजाति के पौधों की भी जानकारी प्राप्त की और संबंधितो को आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में उन्होंने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित समय -सीमा में दी जाने वाली सेवाओं की जानकारी प्राप्त की और इस अधिनियम के तहत सेवा प्राप्त करने वाले लोगों को निर्धारित अवधि में सेवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होंने खाद-बीज का भण्डारण, वितरण, नगरीय क्षेत्रों में नालियों की साफ-सफाई, आंगनबाड़ी केन्द्रों सुदृढ़ीकरण,सिंचाई सुविधाओं का विस्तार एवं रख-रखाव आदि की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।

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