Breaking News

रायपुर-स्कूल वापस लेंगे कक्षा 6 से 10 तक की किताबें, नए छात्रों को बांटी जाएंगी,शिक्षा विभाग स्कूलों में शुरू करेगा बुक बैंक, इसमें रखी जाएंगी पुरानी किताबें, एक किताब का उपयोग तीन बार,बच्चों को सभी किताबें पुरानी नहीं दी जाएंगी, इनमें कुछ नई भी होंगी इसी सत्र से लागू होगी योजना…

रायपुर (एचकेपी 24 न्यूज)।छत्तीसगढ़ बोर्ड ने प्रदेश के स्कूलों में इस साल से यह व्यवस्था लागू कर दी है कि छठवीं से दसवीं तक के जो बच्चे इस साल अगली कक्षाओं में पहुंच गए, उनसे स्कूल ही उनकी पुरानी किताबें ले लेंगे। यह किताबें इन कक्षाओं में इस साल पहुंचे बच्चों को दी जाएंगी, ताकि पढ़ने योग्य किताबें बर्बाद न हों। अगले साल फिर ऐसा ही किया जाएगा। इस तरह, पढ़ने योग्य एक किताब का उपयोग तीन बार किया जाएगा। जरूरी नहीं है कि बच्चों को सारी किताबें पुरानी ही दी जाएं। कुछ नई और कुछ पुरानी मिलाकर बांटने की तैयारी है।स्कूल शिक्षा विभाग ने इस साल छत्तीसगढ़ बोर्ड के सभी स्कूलों को निर्देश दे दिए हैं कि पिछले सत्र में बंटी और इस सत्र में पढ़ने योग्य किताबों को बच्चों से वापस लें। ताकि नया सत्र शुरू होने के समय वहीं किताब बच्चों के बीच वितरित की जाए। कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक कि किताबें वापस नहीं ली जाएगी।अफसरों का मानना है कि छोटे बच्चों किताब संभालकर नहीं रख पाते, इसलिए उनका उपयोग अगली कक्षाओं में करना मुश्किल है। इसलिए इस सत्र में कक्षा छठवीं से दसवीं के बच्चों से किताबें ली जाएगी। गौरतलब है कि राज्य शासन की ओर से हर साल कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के बच्चों को मुफ्त किताबें दी जाती है। छत्तीसगढ़ बोर्ड से जुड़े सरकारी स्कूलों के साथ अनुदान प्राप्त व प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी इससे लाभान्वित होते हैं। हर साल करीब 50 लाख बच्चों के बीच किताबें बांटी जाती है, इनकी छपाई पर करीब सौ करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आता है।शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि मुद्रित कागज का फिर से उपयोग, वन एवं पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा दिए गए सुक्षाव के आधार पर राज्य के सभी स्कूलों में कक्षा छठवीं से लेकर 10वीं तक के छात्रों के लिए बुक बैंक संचालित किया जाएगा। यहां छठवीं से दसवीं के बच्चों से वापस ली गई किताबें स्कूलों में ही रहेगी। स्कूलों को पुनर्वितरण योग्य किताबों की कक्षावार जानकारी स्कूलों को 15 मई तक लोक शिक्षण संचालनालय एवं पाठ्य पुस्तक निगम से संबंधित जिले के डिपो मैनेजर को उपलब्ध करानी होगी। इसके अनुसार फिर नई एवं पुरानी किताबों को मिलाकर वितरण किया जाएगा।अनेको लोगो ने शासन का ध्यान इस ओर खींचा कि मुफ्त किताबें हर साल बच्चों के बीच बांटी जाती है। एक साल बाद इन किताबों का उपयोग नहीं रहता। कई बार यह किताबें रद्दी या अन्य जगह पर फेंकी जाती। जबकि इसकी छपाई पर काफी पैसा खर्च होता है। इसलिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि पुरानी किताबों का भी उपयोग हो सके।इस बात पर विचार किया गया कि बच्चों से किताबें वापस ली जाएगी। इस साल इस पर कार्रवाई की गई है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सूचना जारी कर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को किताब वापस लेने के संबंध में निर्देश जारी किया है।

Website Design By Mytesta +91 8809666000

Check Also

रायगढ़:-आवास दिवस के अवसर पर जनपद पंचायत रायगढ के ग्रामों में हुआ कार्यक्रम…

🔊 Listen to this रायगढ़(एचकेपी 24 न्यूज @सुनिल कुमार बर्मन)।आवास दिवस के अवसर पर जनपद …