बेमेतरा(एचकेपी 24 न्यूज)।जिला निर्वाचन अधिकारी महादेव कावरे ने गुरुवार को बेेमेतरा, साजा और नवागढ़ ब्लॉक मुख्यालय में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी के प्रशिक्षण कार्याें का अवलोकन किया। पीठासीन और मतदान अधिकारी का प्रशिक्षण में करीब 750 से अधिक कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। कलेक्टर ने प्रशिक्षण के बाद पीठासीन और मतदान अधिकारी एक को निर्वाचन कार्याें से जुड़ें महत्वपूर्ण सवाल पूछे। इनमें मतदाता के उम्र 18 वर्ष से कम दिखाई देने की स्थिति में पीठासीन अधिकारी को क्या करना होगा? मतदाता के किस हाथ के उंगली पर अमिट स्याही लगाना होगा? अगर मतदाता के दोनों हाथ नहीं है तो ऐसी स्थिति में अमिट स्याही कहां लगाई जाएगी? कलेक्टर ने कहा कि किसी मतदाता की बायी तर्जनी न हो तो अमिट स्याही उसकी ऐसी किसी भी उंगली पर लगाई जानी चाहिए, जो उनके बाएं हाथ में हो। यदि उसके बाएं हाथ में कोई भी उंगली न हो तो स्याही उसकी दायीं तर्जनी पर लगाई जानी चाहिए। यदि दायी तर्जनी भी न हो तो उसकी बांयी तर्जनी से प्रारम्भ करते हुए उसके बांए हाथ की किसी अन्य उंगली पर स्याही लगाई जानी चाहिए। वोटर के किसी भी हाथ पर कोई भी उंगली न हो तो स्याही बांए या दांये हाथ के ऐसे सिरे पर जो भी हो लगानी चाहिए।पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान केन्द्र के निर्धारित कक्ष में टेबल पर ही ईवीएम, बैलेट यूनिट, वीवीपैट, कन्ट्रोल यूनिट को रखना होगा। किसी भी स्थिति में फर्श पर नहीं रखना चाहिए। पीठासीन अधिकारी को उम्मीदवार अथवा उनके द्वारा नियुक्त अभिकर्ता के समक्ष मतदान शुरू होेने से एक घण्टे पूर्व माॅक-पोल कर वोटिंग मशीन का प्रदर्शन करना होगा। ताकि यह स्पष्ट हो कि वोटिंग मशीन में कोई मत नहीं डाले गये हैं। यदि मतदान केन्द्र में माॅकपोल नहीं हुआ है तो उस मतदान केन्द्र में मतदान भी नहीं होगा।इस बार के प्रशिक्षण में प्रशिक्षण के बाद कर्मचारियों की चुनाव कार्य संबंधित परीक्षा ली गई। परीक्षा के माध्यम से पीठासीन अधिकारियों के मानसिक योग्यता का और दक्षता का मूल्यांकन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के तीसरे चरण 23 अप्रैल को दुर्ग संसदीय क्षेत्र के बेमेतरा जिले में मतदान होगा। इस मतदान को लेकर प्रथम चरण अंतर्गत तीन दिवसीय ट्रेनिंग दी जा रही है। बताया गया कियह प्रशिक्षण बेमेतरा के आदर्श कन्या स्कूल, नवागढ़ एवं साजा के बालक हाई स्कूल भवन में आयोजित की जा रही है।एसपी प्रशांत ठाकुर भी पीठासीन अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों को आयोग द्वारा चाही गई कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले के 180 बूथ केन्द्रों की वेबकास्टिंग की जाएगी। पीठासीन अधिकारियों को पूरी निष्पक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। बीते विधानसभा चुनाव में जिले के विभिन्न मतदान केन्द्रों में विवाद हुआ था। इसे रोकने के लिए जिला निर्वाचन शाखा द्वारा विशेष फाेकस किया जा रहा है। महादेव कावरे ने इन्हीं मतदान केन्द्रों में जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने नवागढ़ ब्लॉक के संवेदनशील ग्राम पंचायत गाड़ामोर, साजा ब्लॉक के ग्राम पंचायत परसबोड़, बेरला ब्लॉक के कोदवा व मोहभट्ठा का निरीक्षण किया। ग्राम पंचायत गाड़ामोर मुंगेली जिले के सीमावर्ती का आखरी गांव है। इस गांव के बाद मुंगेली जिले की सीमा शुरू हो जाती है।
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