जांजगीर-चाम्पा(एचकेपी 24 न्यूज)।लोक सभा चुनाव की घोषणा होते ही आम लोगों के दैनिक कार्यों में भी कुछ बदलाव आएगा। चुनाव का असर उन्हें भी पड़ेगा। मसलन शादी में बैंड बजाना है या फिर होली में फाग के लिए नगाड़ा बजाना है इसके लिए भी प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी। देर रात तक होने वाले सामाजिक व धार्मिक, सांस्कृतिक आयोजनों के लिए भी समय सीमा की बाध्यता रहेगी।जिले में लोकसभा चुनाव तीसरे चरण में 23 अप्रैल को होगा। आदर्श आचार संहिता के साथ धारा 144 भी लागू हो चुकी है। इसमें आम लोगों से जुड़ी सबसे अहम जानकारी ये है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही शादी सीजन के साथ होली का त्योहार भी मनाया जाना है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आचार संहिता के चलते होली के नंगाड़ो और शादी के बैंड बाजो पर भी निर्वाचन अफसरों की नजर रहेगी। शादी में बैंड बाजे से लेकर डीजे व दूसरे ध्वनि विस्तार यंत्रों के प्रयोग के लिए एआरओ (एसडीएम) से परमिशन लेना होगा। अगर कोई परिवार या दल बगैर परमिशन के नगाड़े या शादी में बैंड बाजे का इस्तेमाल करता है, तो उस पर कार्रवाई भी हो सकती है। इसी बीच मार्च-अप्रैल में शादियों के मुहूर्त बड़ी संख्या में है, ऐसे में आचार संहिता के कायदे इन शादियों को जश्न को फीका कर सकते हैं।28 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही देर रात तक होने वाले आयोजनों पर विराम लग जाएगा। इसके लिए भी परमिशन लेना होना। इनमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक से लेकर निजी बड़े आयोजन शामिल होंगे।इस दौरान आप अपने जिले के किसी भी हिस्से में आवागमन करते हैं, तो आपको कड़ी जांच से गुजरना होगा। इसके लिए जिलेभर में चेक पाॅइंट बनेंगे। इन चेक पाइंटों में विडियोग्राफी से लेकर वाहन और सामानों की पूरी जांच सुरक्षा बल के जवान व राजस्व सहित अन्य विभागों के अधिकारी करेंगे।इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान अधिग्रहित वाहनों की संख्या अधिक रहेगी। इसके अलावा अफसरों के लिए भी बड़ी संख्या में वाहन अधिग्रहित होंगे। वाहनों की कमी से आपको गुजरना होगा। राशन कार्ड बनाना हो या नया नल कनेक्शन, सरकारी दफ्तरों में होने वाले काम पूरी तरह प्रभावित रहेंगे। आचार संहिता के चलते कई योजनाओं का क्रियान्वयन फिलहाल थम जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज कुमार बनसोड़ ने मंगलवार को अधिकारियों कर्मचारियों की बैठक ली। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देश दिया कि चुनाव कार्य में लगे अधिकारी कर्मचारी चुनाव पूरा होते तक चुनाव आयोग के अधिन माने जाएंगे, इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि चुनाव निष्पक्ष व इमानदारी से कराएं। उन्होंने हिदायत दी कि चुनाव कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही कहा कि अधिकारी कर्मचारी न केवल निष्पक्ष दिखें बल्कि उन्हें अपने व्यवहार में भी निष्पक्षता दिखाना होगा ।
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