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डभरा:-बडे स्तर पर सफलता प्राप्त करने असफलता सफलता से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण-हिन्देश

डभरा:-बडे स्तर पर सफलता प्राप्त करने असफलता सफलता से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण-हिन्देश

Sunil Kumar barman
hkp24news.com
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डभरा(एचकेपी 24 न्यूज)।शिक्षाविद हिन्देश कुमार यादव शुक्रवार 18 जनवरी को अंचल के आर.के.एम.पॉवर प्लांट प्रभावित गांव घिंवरा मे संचालित होने वाला शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पहुंचे थे।जहां अध्ययनरत् बच्चो से मुलाकात कर हालचाल जानने के साथ पढाई-लिखाई का क्या स्थिति है।उसका जानकारी श्री यादव प्राप्त किया।वहां उपस्थित करीब 60 बच्चो का श्री यादव ने मोटिवेशनल क्लॉस लिया।जहां उपस्थित बच्चो से श्री यादव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक समय ऐसा भी आता है।जब सभी चीजे उस व्यक्ति के विरोध में हो होते रहता है।वही सभी तरफ से निराशा मिलते रहता है।चाहे वो व्यक्ति शिक्षक,चिकित्सक,इंजीनीयर,नेता या और कुछ भी हो।वह व्यक्ति जीवन के उस मोड़ पर खड़े होता हैं।जहां सब कुछ गलत हो रहा होता है।उस व्यक्ति का कोई भी फैसला बहुत ही भयानक साबित हुआ हो।लेकिन सही मायने में, असफलता सफलता से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।आगे श्री यादव ने कहा कि हमारे इतिहास में जितने भी व्यापारी,वैज्ञानिक और महापुरुष हुए हैं।वो अपने-अपने जीवन में सफलता अर्जित करने से पूर्व लगातार अनेको बार असफल हुए हैं।जब हम बहुंत सारे काम कर रहे हों ,तो ये जरूरी नहीं कि सभी कुछ सही ही होगा।लेकिन अगर आप इस वजह से प्रयास करना छोड़ देंगे,तो कभी सफल नहीं हो सकते है।अगर असफलता से सफलता अर्जित करने वालो की बात करें,तो थॉमस अल्वा एडिसन का नाम सबसे पहले आता है।लाईट बल्व बनाने से पहले उसने लगभग 999असफल प्रयोग किए थे।वही अल्बेर्ट आइनस्टाइन जो 4 वर्ष की उम्र तक कुछ बोल ही नहीं पाता था। वह 7 वर्ष की उम्र तक निरक्षर था।लोग उसको दिमागी रूप से बहुंत कमजोर मानते थे।लेकिन अपनी थ्ओरी और सिद्धांतों के बल पर वो दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक बना।श्री यादव ने बच्चो से कहा कि एडिसन 999 असफल प्रयोग के बाद उम्मीद छोड़ देता और आईनस्टाइन भी खुद को दिमागी कमजोर मान के बैठ जाता,तो क्या होता?हम बहुंत सारी महान प्रतिभाओं और अविष्कारों से अंजान रह जाते।बडे स्तर पर सफल होने के लिए असफलता सफलता से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।श्री यादव ने बच्चो से आगे कहा कि असफलता ही इंसान को सफलता का सही मार्ग दिखाता है।असफल होने पर निराश होकर बैठना नही चाहिए।बल्कि पूर्व से कही अत्यधिक मेहनत कर सफलता अर्जित करने प्रयास करना चाहिए।ताकि सफलता मिल सके।आज सभी लोग अपने भाग्य एंव परिस्थियों को कोसते रहते हैं।अब जरा सोचिए अगर एडिसन भी खुद को दुर्भाग्यशाली समझ कर प्रयास करना छोड़ देता,तो दुनिया के लोग एक बहुंत बड़े आविष्कार से वंचित रह जाते।आईनस्टाइन भी अपने भाग्य और परिस्थियों को कोस सकता था।लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।श्री यादव ने कहा कि आप सभी बच्चे को भी प्रयास करने के दौरान असफलता मिलने पर भाग्य एंव परिस्थिति को कभी नही कोसना है।बल्कि असफलता मिलने पर मेहनत पूर्व के तुलना मे अत्यधिक करना है।अगर किसी भी काम में असफल हो भी गए हो,तो क्या हुआ ये अंत तो नहीं है ना,पुनःप्रयास कोशिश कीजिए।क्योंकि निरंतर प्रयास करने वाल असफल नही होता है।असफलता तो सफलता की एक शुरुआत है।इससे घबराना नहीं चाहिए।बल्कि पूरे जोश के साथ फिर से प्रयास करना चाहिए।इस तरह से श्री यादव ने बच्चो को अनेको ज्ञानवर्धक महत्वपूर्ण जीवन मे लाभदायक जानकारी प्रदान किया।

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