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मद्य निषेध दिवस पर एचकेपी 24 न्यूज पोर्टल के निर्देशक हिन्देश यादव का शराब के नुकसान को लेकर विशेष लेख

मद्य निषेध दिवस पर एचकेपी 24 न्यूज पोर्टल के निर्देशक हिन्देश यादव का शराब के नुकसान को लेकर विशेष लेख

शराब बना समाज,घर,परिवार के बर्बाद होने का मुख्य वजह

हिन्देश यादव(एचकेपी 24 न्यूज निर्देशक)।शराब एक नुकसानदायक जानलेवा पेय पदार्थ हैं।वर्तमान में कुछेक को छोड कर अधिकांश छोटा हो या बड़ा सभी इसके चपेट मे आ गये है।शराब बर्बादी का मुख्य कारण बन गया हैं।शराब से इंसान अपनी शरीर का तो नुकसान कर ही रहा हैं।वही अपने पैसो का भी नुकसान कर रहा हैं।इसके बावजूद जिधर भी देखो उधर युवा बूढ़े,स्त्री-पुरुष,अमीर गरीब सभी इस घातक जहर की चपेट में आ रहे हैं।कोई खुल कर पीता हैं,तो कोई परदे के पीछे-पीछे पीते है।समाज में कोई खुशी में तो कोई गम में शराब पीता हैं।कोई भी कार्यक्रम हो,पहले से ही शराब प्रबंध कर लिए रहते है।ग्रामीण क्षेत्रो में शराब ने बुरा हाल कर रखा हैं।गांवों में आदमी पुरे दिन मेहनत मजदूरी काम करके जो पैसे प्राप्त करता हैं।उस पैसा को आदमी शाम होते-होते शराब पीने में व्यय कर देता हैं।वही घर खाली हाथ जाता हैं।फिर घर में लडाई झगडा शुरू हो जाता हैं।वही परिवार टूटने की कगार पर पहुंच जाता हैं।वह मजदूर पुरे दिन काम करके घर के बारे में ना सोच कर शाम होते होते उसका ध्यान पूरी तरह से भटक जाता है।क्योंकि उसको शराब की लत लगी रहती है।

आखीर क्यूं पीते है ?शराब लोग

इसका बहुंत सारे कारण हैं।आम तौर पर देखने को मिलता है,कि मानसिक तनाव के कारण लोग शराब पीते हैं।जब व्यक्ति किसी समस्या का हल पाने में असफल हो जाता है।तब शराब पीकर उस असफलता को भूलने की कोशिश करता है।अधिकांश मामलों में यही देखा गया है,कि हताशा निराश दुखी शराब पीने का कारण बनता है।पारिवारिक विवाद,आर्थिक अभाव या कभी- कभी स्वास्थ्य खराब होने पर लोग इसको पीने लग जाते है।शराब किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।शराब पीकर असफलता परेशानियों को भूलने से आप की समस्या का अन्त नही होता है।कोई भी परेशानी से चिंतिंत परेशान होकर शराब पीना यानी अपने परेशानी को बढाने जैसा है।शराब पीने के लिए लोगों के पास बहुंत अत्यधिक बहाना होता है।दिनभर मेहनत करने के बाद शाम को शराब पीने वाले लोगो का कहना होता है,कि इससे थकान दूर हो जाता है।ऐसे लोग शराब पीने के बाद हिलते चलने व बेहोश हो जाने को ही शायद थकान का दूर होने समझते हैं।वर्तमान में कही भी सामाजिक उत्सव होने पर शराब पीने और पिलाने का सीलसीला चलता है।शराब पीकर व्यक्ति सिर्फ अपने आप को ही धोखा देता है।

शराब पीने से समाप्त हो जाती है,सोचने- समझने की शक्ति

शराब पीने के बाद आदमी सामान्य नहीं रह पाता है।क्योंकि हमारे मस्तिष्क में कुछ ऐसे तंत्र होते हैं।जो हमारे बोलने चालने या काम करने के तौर तरीके आदि को नियंत्रित करते हैं।शराब पीने के बाद वह नियंत्रण समाप्त हो जाता है।आदमी के सोचने समझने की शक्ति खत्म हो जाती है।वह उचित अनुचित का भेद नहीं कर पाता है।वही सभ्यता व शिष्टाचार की सीमा लांघ कर अपशब्द बोलने लगता है।इसके अतिरिक्त,कुछ व्यक्ति यह सोच कर भी शराब पीते हैं,कि वे जिस से झगड़ा करने जा रहे हैं।वह उन्हें नशे में देख कर डर जाएगा।लेकिन मजा तो तब आता है।जब इस का उलटा होता है।इन की पिटाई हो जाती है।क्योंकि नशे में इन की प्रतिरोध क्षमता खत्म हो जाती है।जो व्यक्ति शराब के आदी नहीं होते हैं वे कभीकभी मित्रों आदि पर रोब गांठने के लिए पी लेते हैं तो कुछ लोग यह सोचते हैं कि जहां अन्य सभी पीने वाले हों, वहां एक व्यक्ति शराब को हाथ नहीं  लगाता है तो लोग उसे बेवकूफ समझेंगे और उसे इग्नोर करने लगेंगे. इसलिए वह न चाहते हुए भी अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए पीतापिलाता रहता है. ऐसा कर के वह सोचता है कि वह भी आधुनिक और उच्च श्रेणी में आ गया है. किंतु पीने के बाद यही व्यक्ति नशें में धुत हो कर जब घर जाता है और अपनी पत्नी व बच्चों को पीटता है तो ऐसा कर के वह अपनी नीचता का ही प्रदर्शन करता है।आधुनिकता या श्रेष्ठता का नहीं है।छोटे छोटे बालक शुरू में अपने बड़ेबुजुर्गों की देखादेखी शराब पीना शुरू करते हैं, क्योंकि जब वे उन्हें पीता देखते हैं तो उन के बालसुलभ मन में भी वैसा ही करने की स्वाभाविक इच्छा जागृत होती है. इस तरह वे छिप कर शराब पीना शुरू कर देते हैं और आगे चल कर इस के आदी हो जाते हैं।

शराब पीने से होता है,बहुंत अत्यधिक शारीरिक मानसिक आर्थिक नुकसान

शराब के चक्कर में तो इंसानो ने अपनी जान तक गंवा दी हैं।वर्तमान मे कुछेक को छोड कर अधिकांश वाहन चालक शराब पीते है।बाद मे जानकारी मिलता है,कि शराब पीकर वाहन चलाने के कारण चालक का मौत हो गया।वही वाहन मे बैठने वाले अन्य लोगो का भी हालत गंभीर है।दुर्घटना कहां हुआ, कैसे हुआ,कब हुआ तथा क्यों हुआ इस तरह का सवाल समाज के लोग पूछते है।विवाह उत्सवो में शराब का खपत बहुंत अत्यधिक होता है।शादी छोटे घर से हो या अमीर घर से शराब जरुर उपलब्ध मिलेगा।विवाह कार्यक्रम में सबसे ज्यादा नाम शराब का लेते है।वहां लडाई-झगडे भी शराब के वजह से ही होता है।एक बार शराब को पीने के बाद व्यक्ति इसकी गिरफ्त में आते जाता है।उसके बाद फिर एक आदत बन जाती है।पहली बार शराब का सेवन करते समय आदमी यह सोचता है कि वह शराब का आदी थोड़े ही बन रहा है।लेकिन वह यह नहीं जानता है,कि एक बार पीने के बाद वो आदतन शराबी बनने वाला है।शराब पीने का आदत पड़ जाने पर लोग पैसा न हो,तो उधार ले कर पीना शुरू कर देते हैं।लेकिन शराब जरुर पीएंगे।कई बार चोरी लूट ठगी जैसे अपराध करने वाले अपराधी पकडाते है।तब उक्त घटना को अंजाम देने के पिछे शराबखोरी ही कारण सामने आता है।वही घर में कलह शुरू होता है।घर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है।शराब के नशे में गाडिया चला कर दुर्घटनाएं,हत्याएं,बलात्कार एंव अन्य बडे-बडे अपराध करने के खबरे पढते सुनते एंव देखते रहते है।इन सभी बातों के विपरीत कोई भी शराबी यह नहीं चाहता कि उसकी बच्चा शराब को हाथ लगाए।वह यह भी नहीं चाहता कि उसके घर का आस पास शराब दुकान हो।इससे स्पष्ट होता है,कि एक शराबी भी शराब से नफरत करता है।इन सभी बातों को जानते और समझने के बाद भी अधिकांश लोग शराब पीना छोड़ना नही चाहते हैं।कुछ लोग छोड़ना चाहते हुए भी कहते हैं कि क्या करें,आदत बन गया है।इसलिए शराब पीना छूट नही पा रहा है।हम सभी जानते है,कि शराब मनुष्य की बहुंत बड़ी कमजोरी है।लेकिन कमजोरियों पर विजय भी तो मनुष्य ने ही पायी है।मनुष्य बडे से बडे कार्य को करने सक्षम होता है।तो शराब पीना को छोडने का कार्य कौन सा बडा कार्य है।इसके लिए संलल्प लेकर धीरे-धीरे अपने शराब सेवन करने के मात्रा को कम करने पर एक दिवस पूरी तरह शराब से दूरी बनाने मे सफलता मिल सकता है।इसके लिए निरंतर प्रयास करने का आवश्यकता है।

संक्षेप में मनुष्य के शरीर पर शराब का पडने वाला कुप्रभाव को लेकर एक कहानी

एक दिन भगवान मनुष्य के पास पहुंचे।वहां पहुंचकर मनुष्य से बोला कि तुम और तुम्हारा परिवार के सभी सदस्य मरने वाले हो।मैं तुम लोगो को मरने से बचा सकता हूं।लेकिन तुमको जो बोलूंगा।वो करने को पडेगा।तुम अपने करीबी दोस्त को मार डालो।अपना पुत्र से लडाई झगडा मार पीट करो।शराब का सेवन कर लो।भगवान के बात सुन कर मनुष्य ने कहा कि मुझे जरा सोचने दीजिए प्रभु अपने विश्वसनीय करीबी दोस्त की हत्या कर पाने मेरे लिए असंभव है।अपने पुत्र से लडाई झगडा मारपीट कर पाने मेरे लिए बेहद कठिन है।ऐसा करना बेहद गलत होगा।आगे कहता है,कि हां, मैं शराब को पी लूंगा।उसके पश्चात् उस ने शराब पी ली और नशे में धुत हो कर पुत्र को पीटा एंव करीबी दोस्त ने उस की पत्नी का बचाव करने की कोशिश किया।तब दोस्त का हत्या कर दिया।इस संक्षेप कहानी के माध्यम से समझ सकते है,कि मधपान का मनुष्य के जीवन पर कितना अत्यधिक कुप्रभाव है।

शराब सेहत के लिए बहुंत अत्यधिक नुकसानदायक है।इससे पीने वाला को नुकसान ही हैं।शराब आपको और आपके शरीर को तथा आपकी गर्म जेब को कुछ ही समय में खाली कर देगी।आप सभी समाज को जागरूक कीजिए,कि शराब से हमें हानि ही मिलेगी।शराब एक ऐसे दीमक की तरह हैं।यदि एक बार जिसको इसकी लत लग गयी।तो वह अपने जीवन को कम समय में ही बर्बाद कर देगा।इसलिए आप सभी से आग्रह है,कि अगर आप शराब पीते है,तो धीरे-धीरे कर शराब पीने का मात्रा को कम कर शराब से पूरी तरह दूरी बनाने का प्रयास किजिए।एक दिवस आप पूरी तरह शराब से दूरी बनाने सफल हो सकेंगे।वही शराब से दूरी बनाकर खुशहाल जिंदगी जीकर समाज का भलाई मे कार्य करने का प्रयास करने योग्य बन जाएंगे।अगर आप शराब नही पीते है।तो जो शराब पीते है।उनका शराब पीने को छोडवाने का प्रयास कीजिए।

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