अधिकांश स्कूल खेल मैदान विहिन,बच्चे कैसे खेल कर निखारेंगे अपने खेल प्रतिभा
December 11, 2018478 Views
अधिकांश स्कूल खेल मैदान विहिन,बच्चे कैसे खेल कर निखारेंगे अपने खेल प्रतिभा
सुनिल वर्मन(जांजगीर-चाम्पा)।जिले में संचालित होने वाले आधा से अधिक सरकारी स्कूलो मे खेल मैदान का अभाव है।मैदान का अभाव मे बच्चे खेत,सडक के साथ ही स्कूल का बरामदा में खेल खेलकर अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का प्रयास करते है।अधिकांश सरकारी स्कूलों में जगह का अभाव के कारण बच्चों को खेलने के लिए अच्छा माहौल नही मिल पा रहा है।वैसे तो सरकारी स्कूल मे अध्ययनरत् बच्चे बड़े मैदान में खेलने ईच्छूक रहते है।लेकिन जगह का अभाव के कारण कम जगह में ही अभ्यास करने मजबूर रहते है।स्कूल मे भोजन के लिए अवकाश होता है।तब बच्चे खेल मैदान का अभाव के कारण सडक मे खेलते रहते है।इस दौरान हर पल दुर्घटना होने का आशंका बने रहता है।जहां एक ओर स्कूली बच्चे सडक मे अलग-अलग खेल खेलने मे व्यस्त रहते है।वही दूसरी ओर सडक मे वाहनो का आवागमन जारी रहता है।ऐसे मे कुछ मौको पर स्कूली बच्चो का खेलने एंव वाहनो का आवागमन करने के दौरान टकराव भी हो जाता है।तब बच्चो के परिजनो एंव वाहन चालको के मध्य विवाद उत्पन्न होता है।वही कुछ बच्चे खेत मे भी खेलते नजर आते है।खेत मे जगह-जगह गड्ढा रहता है।जिसके कारण बच्चे खेलने के दौरान गिर कर चोटिल होते रहते है।जिससे बच्चो को बहुंत परेशानी का सामना करने को पडता है।स्कूली बच्चो को सडक एंव खेत मे मजबूरीवश खेलने से छूटकारा दिलाने खेल मैदान उपलब्ध कराने योजनाबध्द तरिका से विशेष प्रयास करने बेहद जरुरी है।बच्चो ने कहा कि स्कूल मे खेलने के लिए पर्याप्त जगह नही है।हम खेल खेलना चाहते है।इसलिए सडक और खेत को अस्थायी खेल मैदान बनाकर खेलने मजबूर होते है।स्कूली बच्चो के लिए खेल मैदान उपलब्ध करवाने विशेष अभियान चलाने बेहद जरुरी है।इसके लिए गांव मे उपलब्ध शासकीय अनुपयोगी खेल मैदान को विशेष ध्यान देकर बच्चो के लिए खेलने योग्य बनाने कार्य करने का आवश्यकता है।ताकि बच्चो को सडक एंव खेत मे खेलने मजबूर होने को नही पडे।खेल मैदान उपलब्ध करवा दी जाती है।उस स्थिति मे बच्चे खेल मैदान मे खेल कर अपनी खेल प्रतिभा को निखार सकते है।