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बगीचा/जशपुर:-अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बगीचा श्री आर.पी.चौहान का पहल से टूटने के कगार में पहुंचने वाला पति-पत्नि एंव दो बच्चो का एक चार सदस्यीय परिवार टूटने से बचा,एसडीएम कोर्ट में श्री चौहान के व्दारा परिवार को टूटने से बचाने हेतु सुनाए गए फैसला से एक नौनिहाल को माता तो दूसरा नौनिहाल को बाल्यावस्था मे पिता का लाड प्यार दुलार पाने से वंचित होने से बचाया,अब दोनों नौनिहालो को संयुक्त रुप से बाल्यावस्था में माता-पिता का मिल सकेगा लाड प्यार दुलार…

बगीचा/जशपुर(सुनिल कुमार बर्मन)।एक प्रशासनिक अफसर अगर चाह ले तो समाज के हर वर्ग को पूर्ण न्याय मिल जाए।बस उस अफसर में कार्य करने के प्रति इच्छा शक्ति और व्यवहार कुशलता आवश्यक है।श्री आर.पी.चौहान वर्तमान में अपनी प्रशासनिक कार्य कुशलता के चलते न केवल प्रशंसा के पात्र बन रहे हैं।बल्कि दीन हीन गरीबों का आशीर्वाद भी उन्हें मिल रहा है।श्री चौहान जिस भी अनुभाग में पदस्थ रहे हैं।वहां पर उन्होंने अपने न्याय हित में लिए गए फैसलों के चलते एक अलग ही पहचान बनाई है।इस वक्त श्री चौहान बगीचा मे एसडीएम के रूप में पदस्थ हैं।जहां श्री चौहान ने एसडीएम कोर्ट में एक ऐसा प्रशंसनीय फैसला सुनाया है।जिसके परिणामस्वरूप पति-पत्नि एंव दो बच्चों का एक चार सदस्यीय परिवार बिखरने से बच गया।जिसको लेकर हर जगह श्री चौहान का प्रशंसा हो रहा है।खबर को आगे विस्तार से बताया जा रहा है।मिली जानकारी के अनुसार ग्राम भुरसाकोना तहसील सन्ना जिला जशपुर निवासी विशेश्वर भगत एंव ग्राम टेटुआटांगर तहसील बगीचा निवासी अनामिका उरांव दोनों पति-पत्नि हैं।दोनो का दो बच्चे हैं।विगत कुछ दिवस से दोनों पति-पत्नी के मध्य किसी कारण वश झगड़ा हो रहा था।जिसके कारण महिला अनामिका उरांव अपनी मायके चली गयी थी।उनके पास एक बच्ची साथ में थी।वहीं एक बच्ची अपनी पिता विशेश्वर भगत के पास थी। पति-पत्नि एंव दो बच्चों का एक चार सदस्यीय परिवार पूरी तरह से बिखर सा गया था।इस सम्बंध में प्रकरण एसडीएम कोर्ट में आने के पश्चात् तत्काल अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) बगीचा श्री आर.पी.चौहान के व्दारा अनावेदक पक्ष को एसडीएम कोर्ट में उपस्थित कराने थाना प्रभारी सन्ना को वारंट जारी की गयी था।जिसकी तामीली करते हुए अनावेदक पक्ष को सन्ना पुलिस ने एसडीएम कोर्ट में उपस्थित कराया।जहां अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री आर.पी.चौहान आवेदिका एंव अनावेदकगण पक्ष का बातो को सुन कर आवश्यक चर्चा करने के पश्चात् श्री चौहान ने पति-पत्नि एंव दोनों नौनिहालों को एक साथ रहने का फैसला सुनाया।जिसके परिणामस्वरूप पति-पत्नि एंव दो बच्चो का एक चार सदस्यीय परिवार टूटने से बच सका।श्री चौहान द्वारा परिवार को टूटने से बचाने हेतु लिए गए फैसला प्रशंसनीय है।

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