सुनिल कुमार बर्मन@जांजगीर-चांपा(एचकेपी 24 न्यूज).बलिदानी राजा गुरुबालकदास जी का जन्म 30अगस्त1805 ई .को बाबा गुरुघासीदास एवं सफुरा माता के घर गिरौदपुरी में हुआ था बाबा गुरुबालकदास बाबा गुरुघासीदास जी के दूसरा पुत्र था। वे सतनामी आंदोलन के प्रेरणा स्रोत और सतनाम धर्म के संस्थापक के साथ क्रांतिकारी महान समाज सुधारक भी थे।जिसे जातिवादी सामंतियों ने छुपकर औराबांधा मुंगेली में मार डाला और आज भी वहां धारा144 लागू है।गुरुबालकदास जी के 116 वीं जयंती अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा हरेक वर्ष हर्षोउल्लास के साथ जैजैपुर में मनाया जाता है।
जो इस वर्ष भी अधिकारी कर्मचारियों ने बड़ी खुशी के साथ जैजैपुर सतनाम भवन में 30 अगस्त को मनाया गया। इस जयंती कार्यक्रम में सतनामी समाज के अधिकारी कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ सैंकड़ो लोग उपस्थित रहे।जिसमे सतनामी समाज के अधिकारी कर्मचारियों की संख्या अधिक रही। इस जयंती कार्यक्रम में भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े को कार्यक्रम के मुख्यातिथि,विशिष्टअतिथियों के साथ उपस्थित सभी अधिकारी कर्मचारियों के के लहरे तहसीलदार,पी आर घृतलहरे,एवं जयंती कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे जगजीवन प्रसाद जांगड़े सत.अधिकारी जैजैपुर ने भारत के संविधान, शील्ड, और शाल देकर सम्मानित किया।प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े ने जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज मुझे जो सम्मान आप लोगों ने मुझे एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में दिए हो उसे मैं सामाजिक कार्य को और तेजी से करके चुकाऊंगा और मैं समाज के हर सुख और दुःख में समाज के साथ खड़ा रहूंगा और हम सभी को गुरुबालकदास जी के त्याग,संघर्ष और कुर्बानी को नही भूलना है। जिस तरह से बाबा गुरुबालकदास जी ने समाज के हजारों एकड़ जमीन और सतनामी समाज के मान सम्मान की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। उसे भूलना नही है।अपने महापुरुषों का जयंती भी मनना है। साथ ही समाज के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संगठित हो कर हम सभी को डटकर मुकाबला करना है।