सुनिल बर्मन@सारंगढ़(सारंगढ़)एचकेपी 24 न्यूज.कुछ स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी आपदा को अवसर बना कर लॉकडाउन में जम कर अवैध वसूली करने मे लगे हुए हैं।लोगो को डरा धमका कर उनसे लाखो रुपये ऐठने मे जुटे हुए है।ताजा मामला सारंगढ़ ईलाका के ग्राम हिर्री से निकल कर सामने आया है।जहां एक बीएएमएस चिकित्सक से सारंगढ़ के तहसीलदार,थाना प्रभारी एंव खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने डरा धमका कर तीन लाख रूपए अवैध तरिका से वसूली कर लिया।आप सभी को बताते चलें कि सारंगढ़ ईलाका के ग्राम हिर्री में संचालित वारे क्लिनिक के संचालक खगेश्वर प्रसाद वारे ने आरोप लगाया हैं,कि 7 मई को उनके क्लिनिक में सारंगढ़ थाना प्रभारी के.के.पटेल,तहसीलदार सुनील अग्रवाल,बी.एम.ओ. आर. एल.सिदार अपने दल बल के साथ पहुंचे।वहां पहुंच कर मंत्री से लेकर जिला कलेक्टर के नाम का सहारा लेते हुए उनको जमकर डराया धमकाते हुए कहने लगे कि तुम्हारे क्लिनिल को सील करेंगे, तुम्हारे नाम पर एफ.आई.आर.दर्ज कर के तुम्हे जेल भेजेंगे,तुम अवैध रुप से क्लिनिक संचालित कर रहे हो।अगर तुमको जेल जाने एंव क्लिनिक को सील होने से बचाना है,तो पंच लाख देने को पड़ेगा।पीड़ित बीएएमएस चिकित्सक खगेश्वर प्रसाद वारे ने उनको कहा कि सर मै छोटा सा बी.ए.एम.एस.चिकित्सक हूं, मै इतना पैसा कहा से ला पाऊंगा,मै आयुर्वेद दवाईयों से लोगो का सेवा भावना से उपचार करता हूं, आप मुझसे इतनी बड़ी रकम मांग रहे हैं मै कहां से ला पाऊंगा,इतना सुन कर तीनो अधिकारी तिलमिला गए और उत्तेजित होकर गुस्सा में बोलने लगे कि तुमको जेल भेजना ही पड़ेगा।पीड़ित खगेश्वर प्रसाद वारे ने आगे बताया कि उन अधिकारियों ने मुझको इतना अधिक डरा दिया कि मेरे सांसे फूलने लगी मै कुछ समझ नही पा रहा था।परिवार के बारे में सोचता था,तो डर जाता था।क्योंकि मै अपने घर का मुखिया हूं।मेरा घर में मेरी पत्नी समेत छोटे-छोटे बच्चे हैं।अगर यह अधिकारी लोग मुझको फर्जी तरिके से फंसा कर जेल भेज दिए,तो उनका क्या होगा?इन्ही सभी बातो को सोचकर मैंने उनसे हाथ जोड़कर कहा कि सर मेरे पास तो इतना पैसा नही हैं बीस पचास हजार हैं,चाहे तो आप लोग वो पैसा ले सकते हैं।इतना सुन कर तीनो अधिकारी फिर बोले कि इतने में नही बनेगा।कुछ चर्चा होने के बाद तीन लाख रुपया में फाईनल हो गया।पीड़ित चिकित्सक ने जैसे-तैसे उधार लेकर पैसो का व्यवस्था किया।उस पैसे को सारंगढ़ थाना प्रभारी के.के.पटेल के हाथो मे दिया।जिसके पश्चात् थाना प्रभारी सारंगढ के.के.पटेल ने उन पैसो को एक काले कलर के फाईल में रख लिया।इसके साथ ही अस्पताल कैम्पस में लगे सी.सी. कैमरे के फुटेज को तहसीलदार सुनील अग्रवाल ने स्वयं डिलीट कर दिया।लेकिन उन्हें ए पता नही था,कि कैम्पस में एक नही बल्कि दो सी.सी.कैमरे लगे हैं।वहीं दोनों का डिवाइस अलग-अलग हैं।पैसा लेने के बाद एक पंचनामा तैयार किया गया कि यहां सब सही चल रहा हैं।वहीं जाते-जाते पैसे के लेनदेन के बारे में किसी को बताने के लिए सक्त मना की गयी।इस घटना के बाद से पीड़ित चिकित्सक अंदर पूरी तरह से टूट गया है।जो भी उनसे इस बारे में जानकारी लेने बात कर रहा है,तो उनके आंखो से आंसू निकलने लगता है।उनका आंख से निकलने वाला आंसू उनके दर्द को बया कर रहे हैं।पीड़ित चिकित्सक ने इस बारे में कहा है,कि इतने बड़े रकम को मै कैसे चुकाऊंगा?मेरे परिवार वालो का भी इस घटना के बाद से रो रो कर बुराहाल है।मेरा जीने का बिलकुल मन नही हैं।तीन लाख रुपया बहुंत बड़ी रकम होती है।मै इतने पैसो का उधार कैसे चुका पाहुंगा?अगर मै आत्म हत्या करता हूं,तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सारंगढ़ थाना प्रभारी के.के.पटेल,तहसीलदार सुनील अग्रवाल,बी.एम.ओ. आर.एल. सिदार की होगी।
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