सारंगढ़,28 फरवरी(एचकेपी 24 न्यूज)।दल से बिछड़ी मादा हाथी अपनी शावक के साथ पिछले कुछ दिनों से इधर-उधर भटक रही है।शुक्रवार 26 फरवरी को सुबह के समय रायगढ़ जिला के सारंगढ़ ईलाका से जांजगीर-चांपा जिला के मालखरौदा क्षेत्र का ग्राम मरघट्टी महानदी पार कर पहुंची थी।दिन भर मरघट्टी में मौजूद थीं।वहीं शनिवार 27 फरवरी को सुबह के समय जांजगीर-चांपा जिला के मालखरौदा क्षेत्र का अडभार नगर पंचायत अंतर्गत आने वाला जोरवापारा पहुंच गयी थी।दिनभर जोरवापारा में मौजूद थी।उसके पश्चात् रविवार 28 फरवरी को सुबह करीब 3:30 बजे मालखरौदा क्षेत्र के मरघट्टी से गुजरते हुए महानदी पार कर सारंगढ ईलाका का पासीद घाट कि ओर दाखिल किया।जब हाथी आने की जानकारी लोगों को लगी,तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ होने लगी।इसी दौरान सारंगढ़ ईलाका का गोडिहारी गांव में एक युवक को हाथी का मोबाईल से विडियों बनाना एंव शेल्फ़ी लेना काफी महंगा पड़ गया। जब वह विडियों व शेल्फ़ी ले रहा था।तभी मादा हाथी पलट कर तेज गति से उसे दौड़ाने लगी और वह अपनी जान बचा कर भागने के दौरान मेड़ से टकराकर गिर गया। इसके बाद मादा हाथी ने उस पर हमला कर दिया।इससे उसकी मौत हो गई।इसके बाद वह आगे कटेली गांव की ओर बढ़ गयी।लेकिन उसका शावक थक कर वहीं गेहूं के खेत में बैठ गया।फिलहाल वन अमला हाथियों से लोगों को दूर रखने का प्रयास करते हुए मृतक के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि देते हुए आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार 27 फरवरी को मादा हाथी अपने शावक के साथ जांजगीर-चांपा जिला के मालखरौदा क्षेत्र का अडभार नगर पंचायत अंतर्गत आने वाला जोरवापारा मे विचरण कर रही थी।रविवार 28 फरवरी को सुबह करीब 3:30 बजे सारंगढ़ ईलाका में प्रवेश कर आगे बढ़ने लगी।मादा हाथी एंव उसके शावक पर विभाग के कर्मचारी लगातार नजर रखे हुए थे।जहां हाथी का सारंगढ़ ईलाका में आने की सूचना मिलते ही विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर सभी कर्मचारी अलर्ट हो गए।वहीं रविवार 28 फरवरी को सुबह करीब आठ से नौ बजे हाथी गोडिहारी गांव तक पहुंची।तो लोगों की भीड़ उसे देखने व फोटो,विडियो बनाने के लिए इक्टठा हो गया।इस दौरान वनकर्मियों के द्वारा हाथी से दूर रहने की हिदायत भी दी जा रही थी।लेकिन उत्सुक्ता में कोई मानने को तैयार भी नहीं था। इसी दौरान गोडिहारी में रहने वाला 21 वर्षीय युवक मनोहर पटेल पिता रामेश्वर पटेल सहित तीन लोग भी हाथी को देखने गए थे।मोबाईल से विडियो बनाने व शेल्फ़ी ले रहे थे। विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि तभी मादा हाथी पलट कर तेज गति से उसे दौड़ाने लगी।तीन लोग तो भाग गए,पर मनोहर अपनी जान बचा कर भागते हुए एक मेड़ से टकरा कर गिर गया।तब हथिनी ने उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद हथिनी आगे बढ़ गई।लेकिन उसका शावक थकने की वजह से धीरे-धीरे पिछड़ गया और थक कर गोडिहारी गांव में ही एक गेंहू के खेत में बैठ गया।मादा हाथी चलते-चलते कटेली तक पहुंच गई। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि हथिनी तीस से चालीस किमी तक रोज चल रही है और ज्यादा चलने की वजह से उसका शावक थक गया और अपनी मां से बिछड़ गया है।फिलहाल मादा हाथी व उसके शावक पर विभाग के अधिकारी कर्मचारी नजर रख रहे हैं। वहीं मृतक के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि देने सहित आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।मादा हाथी जिस ओर जा रही है। उस ओर उसे देखने के लिए लोग भी इक्टठे हो जा रहे हैं।जिन्हें विभाग के अधिकारियों के द्वारा लगातार समझाईश दी जा रही है,कि हाथी से छेड़छाड़ न करे। उससे दूरी बनाकर रखे और विडियो व फोटो के चक्कर में न आए।लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं।जो विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों की समझाईश को मानने को तैयार नहीं हैं।विभागीय अधिकारियों ने बताया कि हाथी को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ आ जा रही है। ऐसे में हाथी का शांत स्वभाव भी बदल जाता है, लेकिन विभाग के अधिकारियों के द्वारा अपने शावक से बिछड़ी मां को मिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उसके वापस जाने वाले रास्ते से लोगों को हटाया जा रहा है। ताकि वह वापस गोडिहारी की ओर जा सके और बताया जा रहा है कि अगर वापस अपने शावक तक मादा हाथी पहुंच गई, तो रात होने पर जंगल की ओर चले जाने की संभावना बनी हुई है।ए आर बंजारे, उप वनमंडलाधिकारी,रायगढ़ का कहना है,कि गोडिहारी क्षेत्र में जब मादा हाथी पहुंची, तो लोग उसे देखने, फोटो लेने व विडियो बनाने के लिए आ जा रहे थे। इसी दौरान मनोहर भी उसका विडियो व शेल्फ़ी ले रहा था। तब मादा हाथी वापस पलट कर उसे दौड़ाने लगी और मनोहर भागते हुए मेड़ से टकरा कर गिर गया। तब मादा हाथी उस पर हमला कर दी। इससे उसकी मौत हो गई।प्रणय मिश्रा, डीएफओ, वन मंडल रायगढ़ का कहना है कि मादा हाथी अपने शावक से अलग हो गई है, लेकिन वह अपने शावक तक पहुंच जाए इसका प्रयास किया जा रहा है। लोगों से भी अपील है कि जागरूकता का परिचय देते हुए हाथी के करीब न जाए और फोटो, विडियो बनाने के चक्कर में न रहे।
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