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जांजगीर-चांपा:-अधिकारी बैठकों में व्यस्त ना रहे,क्षेत्र का शत-प्रतिशत निरीक्षण पूर्ण करें -कलेक्टर…क्षेत्र भ्रमण नहीं करने वाले सीडीपीओ पर हुए नाराज…महिला बाल विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा…..

सुनिल बर्मन@जांजगीर-चांपा, 10 जुलाई 2020/    कलेक्टर श्री यशवंत कुमार ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ की बैठक में कहा कि कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया, रेडी टू ईट सप्लायर के चयन, राशन, रेडी टू इट वितरण मे गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की होगी। आवश्यकता पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित होगी। कार्यालयीन कार्य के साथ अधिकांरी सप्ताह में कम से कम 5 दिन क्षेत्र भ्रमण में समय दें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री तीर्थराज अग्रवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रीति चखियार, कार्यक्रम अधिकारी श्री    सिसोदिया सहित विभिन्न परियोजनाओं के सीडीपीओ उपस्थित थे।
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को लक्ष्य देते हुए कहा कि एक माह के भीतर अपने क्षेत्र के शत-प्रतिशत गांवो का निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान एनिमिक, गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों से गृह भेंट अवश्य करें। उन्होंने कहा कि रेडी टू ईट सप्लाई के लिए समूह चयन में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वर्तमान में चयन किए गए समूह की पात्रता का पुनरीक्षण कर लें। पुनरीक्षण के बाद गलत पाए जाने पर जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

शीघ्र  प्रारंभ होगा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान-
कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 के कारण मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को स्थगित किया गया था। राज्य शासन के निर्देश प्राप्त होते ही इस अभियान को पुनः प्रारंभ कर दिया जाएगा। वर्तमान में गरम भोजन के स्थान पर सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है। यह भी सुनिश्चित किया जाय कि राशन का लाभ हितग्राही को मिले। राज्य शासन के निर्देश प्राप्त होते ही पोषण पुनर्वास केंद्र भी प्रारंभ हो जाएगा। गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करवाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी छोटे बच्चों का नियमित वजन किया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का ग्रोथ चार्ट डिस्प्ले हो, यह सुनिश्चित करें। परिवार में कुपोषित बच्चों और गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को प्राथमिकता के साथ पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए। इसके लिए गृह भेेंट कर संपर्क करना महत्वपूर्ण है।
कलेक्टर ने कहा कि सुपोषण अभियान की सफलता के लिए परामर्श चार्ट तैयार किया जाएगा। इस चार्ट में भोजन में शामिल किए गए प्रोटीन, आयरन एवं अन्य पौष्टिक खा़द्य पदार्थ का उल्लेख किया जाएगा। जिससे पता चले की महिला व बच्चे एनिमिक या कुपोषित क्यो हुए हैं।  उन्होंने कहा कि टीकाकरण और कृमि नाशक दवाइयां कब और किस तारीख को दी गई है, इसका भी उल्लेख परामर्श चार्ट में किया जाएगा। जिससे विश्लेषण करना सरल होगा।

प्रवासी मजदूरों को भी मिले योजना का लाभ –
कलेक्टर ने कहा कि  कोविड-19  के कारण लाक डाउन के दौरान अन्य राज्यों से लौटे जिले के श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। पंजीकृत श्रमिकों में गर्भवती व शिशुवती महिलाओं और छोटे बच्चों की भी जानकारी एकत्र की गई है। शासन की योजना के तहत बच्चे और महिलाओं को योजना का लाभ मिले, यह भी सुनिश्चित किया जाए। प्रवासी श्रमिक परिवार की गर्भवती महिला व बच्चें टीकाकरण से वंंिचत ना हों।
बैठक में कार्यालय और आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण की प्रगति और आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यकर्ता व सहायिक की भर्ती की भी समीक्षा की गयी।

 

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