सुनिल बर्मन@बिलासपुर(एचकेपी 24 न्यूज). शिक्षक-शिक्षिका को भगवान का दर्जा दी गयी है।उनके शिक्षा से ही छात्र-छात्राओ का भविष्य बेहतर निर्माण होता है।लेकिन बाल सुरक्षा कानून की धज्जियां उड़ाने वाला घटना नें एक बार फिर शिक्षा विभाग एंव शिक्षकों पर सवाल खड़े कर दिया हैं।मिली जानकारी अनुसार बुधवार 27 नवम्बर को विकासखण्ड कोटा अंतर्गत आने वाला बेलगहना गांव के शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला की एक शिक्षिका नें एक 14 वर्षीय कक्षा 8 वी के नाबालिग छात्र को सिर्फ सीटी बजाने के कारण डंडे से जम कर पिटाई कर दिया।
छात्र के पीठ पर जगह-जगह निशान उभर गये।घटना के समय शाला के प्रधान पाठक होशल सिंग पैकरा कोटा बैठक में गये हुए थे।शासकीय उच्च माध्यमिक शाला के प्राचार्य नें शिकायत मिलने पर शिक्षिका को फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।पीड़ित छात्र के अनुसार एक छात्र अमरुद ले लो अमरुद ले लो चिल्ला रहा था।तब मैंने सीटी बजा दिया।उस बीच एक महिला आकर मुझसे पूछा कि सीटी किसने बजाई है।तब मैं बोला कि मैंने सीटी बजाई है।उसके पश्चात् शाला कि गुप्ता मैेडम नें किरण मैडम को बोली कि इसे बीस डंडा मारो।फिर किरण मैडम नें मुझे पीठ पर बीस डण्डा मारा।नाबालिग छात्र के स्कूल की खाली कक्षा में सीटी बजाने की सजा छात्र को डांटने समझाईस देने की जगह बीस डंडा की सजा देने नियम विरुध्द है।पीडित छात्र के पालक ने डंडा से पिटाई करने वाली शिक्षिका के खिलाफ उचित कार्रवाही करने का मांग की है।