सूरजपुर(एचकेपी 24 न्यूज)।प्रधानपाठक की निलंबन अवधि के देयकों के भुगतान के लिए क्लर्क ने उनसे 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। 15 हजार रुपए लेने के बाद वह और 10 हजार रुपए लेने पर ही काम करने की बात कर रहा था। परेशान हेडमास्टर ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की थी।शिकायत पर क्लर्क को रंगे हाथों दबोचने एसीबी की टीम ने जाल बिछाया। उसे शहर के बीच बुलाकर 10 हजार रुपए हेडमास्टर ने दिए। जैसे ही उसने रुपए लिए, एसीबी की टीम ने उसे धरदबोचा। टीम द्वारा उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।सूरजपुर जिले के रामानुजनगर तहसील अंतर्गत ग्राम साल्ही के सुखदेव राम नेताम प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ हैं। कुछ दिन पूर्व उन्हें विभाग द्वारा किसी प्रकरण में सस्पेंड कर दिया गया था। निलंबन अवधि के वेतन एवं देयकों के भुगतान के लिए वे रामानुजनगर बीईओ ऑफिस के चक्कर लगा रहे थे।सी बीच वहां के क्लर्क एम. बेक ने उनका काम करने की बात कही। क्लर्क ने बदले में 25 हजार रुपए की डिमांड की। रुपए फंसा देख हेडमास्टर इस बात के लिए राजी हो गए। उन्होंने 15 हजार रुपए क्लर्क को दे दिए थे।इसके बावजूद वह उन्हें घुमा रहा था कि 10 हजार रुपए देने के बाद ही उनका काम करेगा। इससे परेशान हेडमास्टर ने क्लर्क को सबक सिखाने की ठान ली और मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में की।हेडमास्टर की शिकायत पर एसीबी की टीम ने जाल फैलाकर क्लर्क को पकडऩे की योजना बनाई। तय कार्यक्रम के अनुसार हेडमास्टर ने क्लर्क को शनिवार को सूरजपुर तहसील कार्यालय के सामने रुपए देने के लिए बुलाया। यह बात सुनते ही लालची क्लर्क दोपहर में वहां पहुंचा।इसके बाद हेडमास्टर ने उसे रंग लगे 10 हजार रुपए थमा दिए। जैसे ही क्लर्क ने रुपए लिए, पहले से आस-पास मौजूद एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया।रिश्वतखोर क्लर्क को पकडऩे में एसीबी डीएसपी अजितेश सिंह, इंस्पेक्टर प्रमोद खेस, आरक्षक अमित लहरे व अन्य शामिल रहे। एसीबी की टीम द्वारा क्लर्क के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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