जांजगीर-चांपा(एचकेपी 24 न्यूज)।लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत् कार्यस्थल पर आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना अनिवार्य किया गया है। संभाग, जिला, अनुविभाग व खण्ड स्तरीय कार्यालयों तथा प्रत्येक कार्यालय के लिए पृथक-पृथक चार सदस्यीय समिति का गठन किया जाना है। महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति की पीठासीन अधिकारी उस कार्यालय की वरिष्ठ महिला अधिकारी या कर्मचारी हो सकती है। समिति का एक सदस्य स्वैच्छिक संगठन का प्रतिनिधि अथवा महिला उत्पीड़न के मामलों का जानकार होगा। अन्य दो सदस्य उसी कार्यालय से होंगे। समिति के कम से कम आधे सदस्य महिला होनी चाहिए। समिति में सामाजिक कार्य एवं विधि संबंधी जानकार अन्य दो सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। समिति का गठन नहीं किये जाने पर अधिनियम की धारा 26 एक ग के तहत 50 हजार रूपये तक के आर्थिक दण्ड का प्रावधान है। समिति का गठन वहां किया जाए जहां कम से कम 10 महिला अधिकारी-कर्मचारी हो।
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सक्ती:- डूमरपारा (बाराद्वार)हल्का पटवारी का मुख्यालय में निवास नहीं करने,कार्यालय आना-जाना करने का निर्धारित समय नही होने,सामान्य काम के लिए लोगों को 15-15/20-20 दिनो तक आज जाऊंगा कल जाऊंगा कार्यालय करके लोगों को घूमाने,मोबाईल कॉल से संपर्क करने पर आज बहुंत बीजी हूं कल देखता हूं परसों देखता हूं बोल कर लोगों को कार्यालय का चक्कर कटवा कर परेशान करने वाला पटवारी के खिलाफ जनहित का दृष्टिकोण से नियमानुसार उचित कार्यवाही कर पटवारी का मनमानी कार्य शैली में सुधार करवाने एवं मुख्यालय में निवास कराने सुनिश्चित करवाने नियमानुसार उचित कार्यवाही करने हिन्देश एजुकेशन हेल्थ एण्ड वेलफेयर फाउण्डेशन (रजिस्टर्ड) के अध्यक्ष सुनिल कुमार बर्मन ने कलेक्टर एवं एसडीएम को लिखा पत्र…
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