रायपुर(एचकेपी 24 न्यूज)।राजधानी रायपुर से पिछले चार माह में 79 नाबालिगों का अपहरण हो गया। पुलिस इन नाबालिगों को ढूंढने के लिए मशक्कत की, लेकिन फिर वीआईपी ड्यूटी के फेर में उलझकर उनकी तलाश करना भूल गई। पुलिसकर्मियों की इस कार्यप्रणाली के चलते राजधानी रायपुर के 79 परिवार अपने मासूम की तलाश में दर-दर भटक रहे है। जब भी पीडि़त परिवार अपने नौनिहाल का पता करने थाना पहुंचता है, तो उसे बाद में आने कहकर टरका दिया जाता है।राजधानी के थानों में दर्ज आंकड़े के अनुसार जनवरी माह से अप्रैल माह तक लगभग 177 नाबालिग अलग-अलग थानाक्षेत्र से गायब हुए। इनमें से लगभग 98 नाबालिगों को पुलिसकर्मियों ने लोकेशन और मैन्युअल इनपुट के आधार पर खोज डाला।शेष 79 का पुलिसकर्मी अब तक पता नहीं लगा पाए है। जनवरी माह से गायब हुए नाबालिग अभी तक घर नहीं पहुंचे है। पुलिस उनके वापस लौटने का इंतजार कर रही है, ताकि आंकड़ों की खानापूर्ति कर अधिकारियों से पीठ थपथपा सके।जिले से गुम हुए नाबालिगों का पता लगाने के लिए रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने आपरेशन मुस्कान चलाया था। आपरेशन मुस्कान की टीम में महिला पुलिसकर्मियों के अलावा 4 पुलिसकर्मियों की टीम थी। इस टीम को लीड करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों ने निरीक्षक रैंक के अफसर को दी है। आपरेशन मुस्कान की टीम सीधे एसपी को रिपोर्ट करती है।विभागीय आंकड़ो की मानें तो फरवरी से मार्च माह के बीच गुम हुए नाबालिगों को दस्तायाब करने में काफी गिरावट आई। केस में सफलता नहीं मिलने के पीछे टीम के अधिकारियों ने वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त होने और चुनाव का हवाला दिया।पुलिस के अनुसार गायब हुए केसों में किशोरियों की संख्या ज्यादा है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो 177 नाबालिग 4 माह में गुम हुए उसमें किशोर 35 और किशोरियां 14 थी।पुलिस ने अभियान चलाकर जब नाबालिगों को दस्तायाब करना शुरु किया तो 26 किशोर और 72 किशोरियों को बरामद किया है। 9 किशोर और 47 किशोरियां अभी लापता है, जिन्हें जल्द दस्तायाब करने की बात पुलिस अधिकारी कह रहे है।
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