बिलासपुर(एचकेपी 24 न्यूज)।कक्षा10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अंकों की बाध्यता समाप्त कर दी है। अब वे सभी छात्र जिन्हें परीक्षा में मिले अंकों पर आशंका है, वह सभी पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकेंगे। पिछले साल प्रायोगिक तौर पर माशिमं ने नियम बदला था। इसके अनुसार पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन की पात्रता सिर्फ उन्हीं छात्रों को थी, जिनके अंक 0 से 20 या फिर 80 प्रतिशत से अधिक थे। इन्हें ही उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति लेने की पात्रता थी।छात्रों की सुविधा के लिए माशिमं ने व्यवस्था की है। इसके अनुसार छात्र चाहें तो पुनर्गणना, पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति के लिए अलग-अलग आवेदन कर सकेंगे। या फिर वह तीनों के लिए एक साथ आवेदन भी कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें माशिमं से पुनर्गणना, पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिका की छायाप्रति के लिए निर्धारित शुल्क जमा करना होगा।10वीं और 12वीं के छात्रों को परिणाम जारी होने के 15 दिन के भीतर पुनर्गणना, पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद आने वाले आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा। माशिमं के नाम बैंक में चालान जमा करके माशिमं के बने नोडल केंद्रों में उसे जमा करना होगा।पिछले साल प्रायोगिक तौर पर शुरू किए गए नए नियम से उन छात्रों को अधिक नुकसान हुआ, जिनके अंक 20 से अधिक और 80 फीसदी अंक से कम अंक थे। उनके अभिभावकों ने माशिमं के परीक्षा मंडल के सदस्यों, पदाधिकारियों और अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी। नए नियम से माशिमं के राजस्व में भी कमी आई थी।पुराने नियम में सभी छात्रों को पुनर्गणना, पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति लेने की पात्रता थी। इसी नियम को अब एक बार फिर लागू किया जा रहा है, ताकि जिन छात्रों को वार्षिक परीक्षा में मिले अंकों में आशंका हो और उन्हें लगता है कि उनके अंक और बढ़ सकते हैं, वह माशिमं के नियमों का पालन करते हुए आवेदन कर सकेंगे।
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