रायपुर(एचकेपी 24 न्यूज)।नकली सोना को असली बताकर एक पार्षद से 12.60 लाख रुपये की ठगी करने वाले बंटी-बबली को तेलीबांधा पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार उनके कब्जे से नकली सोने का शंख बरामद किया। गिरफ्तार आरोपित कांकेर पखांजूर के रहने वाले हैं। ठगी के शिकार पार्षद से आरोपित युवती की दोस्ती फेसबुक पर हुई थी।दोस्ती का फायदा उठाकर युवती ने एक परिचित का इलाज कराने का झांसा देकर उन्हें पैसों की आवश्यकता बताकर पैतृक संपत्ति के रूप में सोने का शंख कम कीमत में दिलाने का लालच दिया। पार्षद आसानी से झांसे में फंस गया। इसके बाद रायपुर बुलाकर पार्षद को सोने का असली टुकड़ा थमाया।पार्षद ने जांच कराई तो सोना असली निकला। इसके बाद उसने पैसे देकर सोने का असली शंख समझकर नकली शंख ले लिया। बाद में जब शंख की जांच सुनार से कराई तब ठगी का पता चला। पार्षद ने पैसा लौटाने को कहा तो टालमटोल करने लगे। परेशान होकर थाने में शिकायत दर्ज कराई।सिविल लाइन सीएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि सूरजपुर जिले के ग्राम जरही (भटगांव कालरी) निवासी पार्षद दिवाकर सिंह बंटी-बबली के झांसे में आकर ठगी का शिकार हुआ। पिछले साल वर्ष 2018 में दिवाकर का परिचय फेसबुक पर तहसील कालोनी पखांजूर कांकेर की अनामिका ध्रुव (28) से हुई थी।दोनों के बीच फोन पर लगातार बातचीत होती रही। कुछ दिनों बाद अनामिका ने दिवाकर को विश्वास में लेकर कहा कि उसके गांव के कुछ परिचित लोग काफी गरीब हैं और उन्हें इलाज कराने के लिए बड़ी रकम की जरूरत है। उनके पास पैतृक संपत्ति के रूप में सोने का शंख है जिसे वे बेचना चाहते हैं।दिवाकर को पहले विश्वास नहीं हुआ तब अनामिका ने रायपुर आकर सोने का शंख दिखाने को कहा। 24 जनवरी को दिवाकर अपने दोस्त हिमांशु सिंह के साथ रायपुर आया। अनामिका पखांजूर के ही अपने प्रेमी विनय घरामी उर्फ आरुष के साथ अवंति विहार चौक तेलीबांधा में मिली।एक-दूसरे का परिचय कराने के बाद अनामिका ने दिवाकर को शंख का कुछ अंश जो सोना था उसे देकर जांच कराने को कहा, जो असली निकला। फिर पैसे की व्यवस्था करने की बात कहकर दिवाकर चला गया। इसके बाद से अनामिका लगातार कॉल कर दिवाकर को शंख खरीदने के लिए जोर देने लगी। उसने यह भी कहा कि उसके परिचित का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वे लोग रायपुर में इलाज करवा रहे हैं।अभी उन्हें पैसे की अति आवश्यकता है इसलिए मजबूरी में शंख बेच रहे हैं। दिवाकर सिंह के मन में दया की भावना आ गई। वह शंख खरीदने को तैयार हो गया। फिर उसने शंख का सैंपल मांगा ताकि दोबारा चेक करवाकर आश्वस्त हो जाए।अनामिका के बुलावे पर दिवाकर 5 मार्च को कांकेर पहुंचा, जहां अनामिका एवं विनय मिले और फिर से सैंपल दिया। दिवाकर ने सैंपल का रायपुर में जांच कराई तो उसमें भी कुछ मात्रा में सोना होना पाया गया।पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद दिवाकर ने अनामिका को रायपुर आने को कहा तो उसने अलग से कार का किराया मांगा। 7 मार्च को अनामिका व उसका प्रेमी विनय रायपुर पहुंचे। दिवाकर से ढाई हजार रुपये कार का किराया वसूला। इसके बाद शंख का सौदा 12 लाख रुपये में हुआ। दिवाकर ने अनामिका का एकाउंट नंबर मांगा तो उसने नकद रकम की मांग की।दिवाकर ने 8 मार्च को अपने दोस्त अजय के साथ आकर देना बैंक अवंती विहार शाखा तेलीबांधा जाकर अपने पिता के खाते से 10 लाख रुपये दोस्त अजय खाते में ट्रांसफर करवाया। अजय ने सेल्फ चेक के जरिए 10 लाख रुपये निकाला, जबकि दिवाकर नकद 2.60 लाख रुपये लेकर आया था।कुल 12.60 लाख रुपए उसने अनामिका ध्रुव एवं विनय को दे दिया। दिवाकर उनसे शंख ले लिया। उनके जाने के बाद शंख को खोलकर देखा तो उसे शंका हुई तब उसने परिचित सुनार से उसकी जांच कराई। जांच में शंख को पीतल का होना बताया गया।अनामिका व विनय को उसने इसकी जानकारी दी तो वे पैसा लौटाने में टालमटोल करने लगे। तब थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस टीम ने पखांजूर से बंटी-बबली को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन हजार रुपये नकद व दो मोबाइल बरामद किया। दोनों को जेल भेज दिया गया। दोनों ने ठगी के पैसे से शादी करने की तैयारी कर रखी थी।
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