रायपुर(एचकेपी 24 न्यूज)।छत्तीसगढ़ मेंप्रथम चरण चरण में धुर नक्सल प्रभावित बस्तर संसदीय सीट के लिए गुरुवार सुबह मतदान शुरू हुआ तो उत्साह और जुनून के आगे नक्सल खौफ मुंह छिपाता नजर आया। लोकतंत्र जीता और बूथों पर जमकर बरसे वोट। बस्तर सीट के कोंडागांव क्षेत्र में दोपहर बाद बारिश और ओलावृष्टि के साथ ही बूथों पर वोट बरसते देखना भी सुखद रहा। देर शाम समाचार लिखे जाने तक 65 फीसद मतदान हो चुका था। अभी दुर्गम में गईं कई पोलिंग पार्टियों की रिपोर्ट आने पर यह आंकडा और बढ़ेगा।बस्तर सीट पर पोलिंग के लिए 1878 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जहां सुबह सात बजे से ही लंबी कतार लगने लगी। अबूझमाड़के अंदरूनी गांवों के ग्रामीणों ने मतदाताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज, भाजपा के बैदूराम कश्यप, सीपीआइ के रामूराम मौर्य समेत सात प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद कर दिया है।मतदाताओं के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस श्यामगिरी में दो दिन पहले नक्सलियों ने विधायक की हत्या की और चार जवान शहीद हो गए, वहां सुबह से ही बूथ पर लंबी कतार लगी रही।शाम तक 78 फीसद मतदान हुआ।नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने मतदान शुरू होने से पहले एक पोलिंग बूथ के नजदीक आईईडी ब्लास्ट किया और कई क्षेत्रों में पोस्टर बैनर लगाकर मतदान न करने की धमकी भी दी, लेकिन लोकतंत्र की विजय गाथा लिखने निकले मतदाताओं के कदम फिर भी नहीं रुके। मतदाताओं में सुरक्षा बलों के इंतजामों पर गजब का भरोसा दिखा।सुकमा में लोकतंत्र के महापर्व में इस बार ऐसे लोग भी शामिल हुए जिन्होने कभी लोकतंत्र के खिलाफ बंदूकें उठाई थीं। आत्मसमर्पण करने के बाद पूर्व नक्सली अर्जुन और वेट्टी रामा ने गुस्र्वार को कोंटा के एक पोलिंग बूथ में पहली बार वोट डाला। एसपीओ के रूप में पुलिस में शामिल किए गए वेट्टी और अर्जुन के चेहरे पर उत्साह और आत्मसम्मान साफ नजर आया। वेट्टी व अर्जुन से जब पूछा गया कि वे वोट डालकर कैसा महसूस कर रहे हैं? तो वेट्टी की आंखें भर आईं। अर्जुन 8 लाख का इनामी नक्सली रहा है।दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की नक्सल हमले में हत्या के बाद भी उनके गांव और परिवारवालों का जज्बा नहीं टूटा। दो दिन पहले श्यामगिरी में आइईडी ब्लास्ट में नक्सलियों ने भीमा मंडावी का वाहन उड़ा दिया था जिसमें चार जवान भी शहीद हो गए थे। गुरुवार की सुबह आदिवासी परंपरा के अनुसार अंत्येष्टि स्थल से अस्थि चुनने के बाद दोपहर डेढ़ बजे परिवार के सभी वोटर गमों को भुलाकर मतदान करने को पहुंचे। भीमा की पत्नी ओजस्वी ने दंतेवाड़ा में व भीमा के पिता लिंगाराम मंडावी, मां, बहन भीमे, छोटे भाई लिंगा व संजय ने मतदान केंद्र क्रमांक 187 बालक आश्रम शाला गदापाल में मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत किया।
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