रायपुर(एचकेपी 24 न्यूज)।डेढ़ वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने पहली बार 28 दिन के भीतर फैसला सुनाया है। राजीव कुमार की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 21 साल के दोषी को दुधमुंही से जघन्य अपराध के लिए 20 साल की सजा दी है। दोषी पर 50 हजार और 500 रुपए के दो जुर्माने भी लगाए गए हैं। जुर्माना नहीं देने पर उसे एक साल की सजा और काटनी होगी। रायपुर एसएसपी ने दावा किया कि दुष्कर्म के मामले में केवल 28 दिन में किसी अारोपी को सजा देने का यह पहला मामला है।इस मामले में अदालत ने जितनी न्याय दिलाने में तेजी दिखाई, उतनी ही तेजी पुलिस ने अारोपी की गिरफ्तारी से लेकर सबूत इकट्ठा करने में भी दिखाई थी। यही वजह है कि डीजीपी डीएम अवस्थी ने इस मामले की जांच करने वाले तेलीबांधा के इंस्पेक्टर नरेश पटेल और दिव्या दुबे के कार्य की प्रशंसा करते हुए उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है। फैसले के तुरंत बाद रायपुर एसएसपी शेख आरिफ हुसैन ने प्रेस कांफ्रेंस में दोनों अफसरों को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा भी किया।लोक अभियोजक गजेंद्र सोनकर ने बताया कि बलौदाबाजार का मुकेश विश्वकर्मा (21) राजधानी में मजदूरी करता था। वो जोरा में किराए के मकान में रह हा था। इसी साल 25 फरवरी को उसके पड़ोस में रहने वाली महिला घर के बाहर सफाई कर रही थी, तभी वहां मुकेश पहुंचा। उसने महिला से कहा कि वह बच्ची को देख लेगा, वह अपना काम पूरा कर ले। इसके बाद महिला कचरा फेंकने चली गई। अारोपी बच्ची को लेकर अपने घर आ गया। मुकेश डेढ़ घंटे बाद बच्ची को लेकर नहीं लौटा तो वह ढूंढते हुए उसके घर पहुंची। उसने बच्ची को उठाया तो हालत खराब देखी। उसने तुरंत मामला समझ लिया और पुलिस से शिकायत किया।महिला थाने पहुंची और इधर मुकेश ने सबूत मिटाने के लिए अपने कपड़े जलाए और भाग निकला। बच्ची की मां की रिपोर्ट पर तेलीबांधा पुलिस ने पास्को एक्ट और दुष्कर्म का केस दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने कई जगह छापे मारे और मुकेश को तीन दिन के भीतर उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया गया।
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