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कोरबा-ओपन स्कूल की मुख्य परीक्षा में 20 छात्र परीक्षा दिलाने से रह गए वंचित,क्या रहा वजह?जानने के लिए पढिए hkp24news.com की पूरी खबर…

कोरबा(एचकेपी 24 न्यूज)। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की मुख्य परीक्षा में लगभग 20 छात्र परीक्षा दिलाने से वंचित रह गए। विभाग की लापरवाही से इस तरह की परिस्थतियां निर्मित हुई, गुस्साए छात्रों और अभिभावकों ने परीक्षा केन्द्र को घेर लिया और केन्द्राध्यक्ष से सवाल पूछे। परीक्षा समाप्त होने के घंटों बाद तक परीक्षा केन्द्र में गहमा-गहमी का महौल बना रहा। यह पूरा मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करतला का है।मंडल की ओर से उक्त परीक्षार्थियों का न तो रोल नंबर और न ही उत्तर पुस्तिका प्रेषित की गई थी। छात्रों का आरोप है कि सभी ने समय पर फॉर्म भर दिया था। कुछ छात्र इसकी पावती लेकर परीक्षा केन्द्र पहुंचे थे। परीक्षा से वंचित परीक्षार्थियों ने केन्द्र के बाहर जमकर हंगामा मचाया। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी की मानें तो ऐसे छात्रों के कोरे उत्तर पुस्तिका में पर्चा हल कराया गया है।उक्त उत्तर पुस्तिका को मंडल को प्रेषित किया जाएगा । जिस पर मंडल द्वारा ही निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है। दरअसल शाउमावि करतला के प्राचार्य सीपी मनहर है,जो कि ओपन स्कूल के अध्ययन केन्द्र के प्राचार्य होने के कारण परीक्षा के समन्वयक भी हैं। इस वर्ष इनकी ड्यूटी रामपुर स्कूल में बतौर ऑब्जर्वर लगाई गई है।पूर्व में ओपन स्कूल के अध्ययन केन्द्र के प्राचार्य ही अपने-अपने स्कूलों के केन्द्राध्यक्ष होते थे। इस वर्ष दूसरे स्कूल के प्राचार्यों को केन्द्राध्यक्ष बना दिया गया है, इसके कारण भी दुविधा की स्थिति निर्मित हुई। करतला स्कूल के केन्द्राध्यक्ष पी पटेल को करतला से कितने छात्रों का परीक्षा फॉर्म भेजा गया, कितने का रिजेक्ट हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं थी।लिहाजा उन्होंने संस्था के प्राचार्य मनहर से चर्चा की जिसमें मनहर द्वारा भेजे गए परीक्षा फार्म के संबंध में आंकड़ा नहीं होने की बात कही गई। अब जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में संबंधित परीक्षार्थियों के सादे उत्तर पुस्तिका में परीक्षा लेने की बात कही है। करतला परीक्षा केन्द्र में 151 परीक्षार्थियों का पंजीयन था। इसमें 139 उपस्थित व 12 अनुपस्थित थे। वहीं परीक्षा से वंचित परीक्षार्थियों की संख्या 25-30 बताई जा रही है।अपनी बेटी को पीरक्षा दिलाने पीडिय़ा से करतला पहुंचे ईश्वर राठिया का कहना है कि फॉर्म भरते वक्त पावती भी दी गई थी। प्रवेश पत्र के लिए सप्ताह भर पहले संपर्क करने पर परीक्षा वाले दिन ही प्रवेश पत्र देने की बात प्राचार्य ने कही थी। अब परीक्षा वाले दिन प्रवेश पत्र और उत्तर पुस्तिका उपलब्ध नहीं होने की जानाकरी दी जा रही है। इससे यहां के खड़े लगभग 25 से 30 छात्र परीक्षा से वंचित हो गए हैं। पैसे लेने के बाद भी फॉर्म क्यों अग्रेषित नहीं किया गया इसकी जानकारी देने वाला यहां कोई नहीं है। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है।विश्वस्त सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि परीक्षार्थियों से फॉर्म के पैसे वसूलने के बाद भी स्कूल से फॉर्म अग्रेषित ही नहीं किए गए। इसके कारण ही परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं केंद्र में नहीं पहुंची हैं। कई परीक्षार्थी बाकायदा पावती लेकर परीक्षा केन्द्र पहुंचे थे। हालांकि ऐसे छात्र भी परीक्षा दिलाने से वंचित रह गए।छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की परीक्षाएं कोरबा जिले में 12 केंद्रों में संपन्न हुई। जिसमें शाउमावि बालको, शाउमावि करतला, शाउमावि पाली, शाउमावि बालक कटघोरा, शाउमावि पोड़ीउपरोड़ा, शाउमावि कोरबा, शाउमावि सरगबुंदिया, शाउमावि रामपुर, शाउमावि जमनीपाली, शाउमावि कन्या कटघोरा, शाउमावि पसान, शाउमावि तिलकेजा को केन्द्र बनाया गया है।इस बारे मे डीईओ कोरबा सतीश पाण्डे ने कहा कि करतला में 12 छात्रों का फॉर्म भेजा गया था। इन्हें रोल नंबर एलॉट नहीं हुआ जिसकी वजह से वह परीक्षा नहीं दिला सके। माशिमं के सचिव से तत्काल बात की गई और ऐसे छात्रों को कोरी उत्तर पुस्तिका में परीक्षा दिलावई गई है। इन्हें अब मान्य किया जाएगा या नहीं इसका निर्णय बोर्ड लेगा। केन्द्राध्यक्षों को भी बदला गया है, जिससे परीक्षा का बेहतर संचालन हुआ है। कहीं कोई कंफ्यूजन नहीं है। जिले में शांतीपूर्ण परीक्षा हो रही है।

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