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नई दिल्ली-मजेदार है ये चुनावी जानकारी, पढ़िए- लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू,लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू! कन्फ्यूजिंग हो गया न? लेकिन यकीन मानिए पांच लखनलाल साहू एक ही लोकसभा सीट से साल 2014 के लोकसभा चुनावों में आमने-आसाने थे और,जरा सोचिए कि ऐसी स्थिति में जनता किनती कन्फ्यूज हुई होगी?…

नई दिल्ली(एचकेपी 24 न्यूज)।लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू Vs लखनलाल साहू! कन्फ्यूजिंग हो गया न? लेकिन यकीन मानिए पांच लखनलाल साहू एक ही लोकसभा सीट से साल 2014 के लोकसभा चुनावों में आमने-आसाने थे। और, जरा सोचिए कि ऐसी स्थिति में जनता किनती कन्फ्यूज हुई होगी? ये लोकसभी सीट है छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट। राज्य की कुल 11 लोकसभा सीटों में से बिलासपुस लोकसभा सीट का पाचंवां स्थान है।साल 2014 में बिलासपुर लोकसभा सीट पर कुल 26 उम्मीदवारों ने चुनावी चौसर पर किसमत आजमाई। इनमें से पांच तो लखनलाल साहू ही चुनावी मैदान में थे। एक लखनलाल साहू BJP के उम्मीदवार थे और बाकी चार अपने खुद के मालिक खुद ही थे, मतलब इंडिपेंडेंट उम्मीदवार थे। लेकिन, यकीन मानिए चारों इंडिपेंडेंट लखनलाल साहू के वोट मिलाने के बाद भी BJP लखनलाल साहू के वोटों के ओने-पोने भी नहीं था। BJP लखनलाल साहू 2014 में यहां से चुनाव जीते थे।2014 में BJP के उम्मीदवार लखनलाल साहू को कुल 5,61,387 वोट मिले और बाकी दूसरे चारों लखनलाल साहू को कुल मिलाकार 4,133 (910+910+1458+855) वोट मिले। मतलब कि चारों इंडिपेंडेंट लखनलाल साहू 2014 के चुनाव में कभी गिने ही नहीं गए। क्योंकि, चार इंडिपेंडेंट लखनलाल साहू में से 3 को तो 1,000 वोट भी नहीं मिले और चौथे को मिले तो सिर्फ 1,458 ही वोट मिले। जबकि, साल 2014 में इस सीट पर 1,727,325 मतदाता थे।हालांकि, 1,727,325 मतदाताओं में से 2014 के लोकसभा चुनावों में 1,090,457 मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था, मतलब वोट डाला था। लेकिन, बिलासपुर के इंडिपेंडेंट लखनलाल साहूओं को सिर्फ 4,133 वोट ही मिले। हां, अगर BJP के अखनलाल साहू के अलावा किसी को सबसे ज्यादा वोट मिले तो वो कांग्रेस की करुणा शुक्ला है, जिन्हें 3,84,951 वोट मिले थे।बिलासपुर लोकसभा सीट में कोटा, लोरमी, मुंगेली, तख्तपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलथारा और मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र आता है। ये सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है और 1996 से लेकर 2014 तक इस सीट पर हमेशा भाजपा के प्रत्याशी की जीत हुई है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से यहां तीन बार लोकसभा चुनाव हुए हैं। साल 2014 में बीजेपी के पन्नूलाल, 2009 में बीजेपी दिलीप सिंह जूदेव और 2014 में BJP के लखनलाल साहू ने जीत हासिल की, जिनकी हम ऊपर से बात करते आ रहे हैं।

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