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जम्मू कश्मीर-पुलवामा सूइसाइड बॉम्बर आदिल डार का परिवार जवानों की शहादत के गम में,बेटे के किए पर शर्मिंदा

जम्मू-कश्मीर(एचकेपी 24 न्यूज)।पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले में 40 जवानों के शहीद होने की घटना से पूरे देश के साथ आत्मघाती हमलावर आदिल डार का परिवार भी सदमे में है। परिजनों को आदिल के किए पर शर्मिंदगी है। उनका कहना है कि कोई भी इंसान इस तरह से किसी की मौत होने पर खुश कैसे हो सकता है।हमले को अंजाम देने वाला 21 साल का आदिल अहमद डार कश्मीर का ही रहने वाला था। उसके परिवार भी घटना से बेहद सदमे में है।

……घर से निकला फिर नहीं लौटा…..
राशिद ने बताया कि आदिल ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और वह निर्माणस्थलों पर कभी-कभी काम किया करता था। पिछले साल 19 मार्च को वह अपने भाई समीर डार के साथ गायब हो गया था। उसने अपने घरवालों से कहा था कि वह एक दोस्त से मिलने जा रहा है। वह साइकल लेकर निकला लेकिन कभी वापस नहीं आया। उसके माता-पिता ने पुलिस में उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।

…घरवालों ने की वापस आने की गुजारिश…

कुछ दिन बाद खबर आई कि उनका बेटा उग्रवादियों के साथ शामिल हो गया है। यह जानकर घरवालों को झटका लगा। उन्होंने एक विडियो ऑनलाइन पोस्ट कर बेटे से घर वापस आने की गुजारिश की लेकिन वह काफी आगे बढ़ चुका था। आदिल गुलाम हसन डार का दूसरा बेटा था। गुलाम हसन पुलवामा में घर-घर जाकर कपड़े बेटते हैं। उसका बड़ा भाई लकड़ी का काम करता है और छोटा भाई आरिफ स्कूल में पढ़ता है।

…वानी की मौत के बाद पकड़ी राह…

राशिद ने कहा कि उन लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि आदिल इतना कट्टर उग्रवादी बन जाएगा। उन्होंने कहा कि 2015 में आदिल हाफिज हो गया था। उसे पूरी कुरान याद थी और धर्म की ओर उसका झुकाव बढ़ने लगा था। हालांकि, राशिद का कहना है कि 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद पत्थरबाजी के दौरान उसके पैर में पेलेट गन की गोली लग गई थी। शायद उसके बाद ही वह कट्टरपंथी हो गया था।

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